अफगानिस्ताान में तालिबान की हुकूमत आने के बाद जिस खतरे की आशंका जताई गई थी, उसकी कुछ तस्वीरें सामने आने लगी हैं। अफगानिस्तान में कई पत्रकारों की पिटाई की खबरें आ रही हैं। तालिबान द्वारा दो पत्रकारों की पिटाई की एक तस्वीर सामने आई है, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया है।
अफगानिस्तान को कवर करने वाले द न्यूयॉर्क टाइम्स के रिपोर्टर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस तस्वीर को शेयर किया है, जो तालिबानी क्रूरता की कहानी कह रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कल काबुल में दो पत्रकारों को प्रताड़ित किया गया और बुरी तरह से पीटा गया है।
जबकि लॉस एंजलिस के पत्रकार मरकस याम ने ट्वीट कर दावा किया कि तालिबानी जुल्म के शिकार ये दोनों अफगानी पत्रकार इटिलाट्रोज के रिपोर्टर हैं, जिनका नाम है नेमत नकदी और ताकी दरयाबी। महिलाओं के प्रदर्शन को कवर करने के दौरान इन्हें हिरासत में लिया गया और तालिबानी हुकूमत द्वारा क्रूरता से पीटा गया। इन्होंने अपने ट्वीट में एक हैशटैग का भी इस्तेमाल किया है- जर्नलिज्म इज नॉट अ क्राइम।
कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने तालिबान की किस कदर सहायता की है, यह किसी से छिपी नहीं है, लेकिन तालिबान नहीं चाहता कि पत्रकार बिरादरी के लोग इस पर से पर्दा हटाएं। यही कारण है कि अफगानिस्तान के मामलों में पाकिस्तानी दखल के विरुद्ध काबुल में हुए विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकारों पर तालिबान का कहर टूटा है और उसने न केवल कई पत्रकारों को गिरफ्तार किया, बल्कि हिरासत में उन्हें कठोर यातनाएं भी दीं और बुरी तरह पीटा।
गौरतलब है कि पिछले माह काबुल पर कब्जे के बाद से प्रदर्शन कर रहे नागरिकों और उनको कवर कर रहे पत्रकारों की पिटाई की खबरें आ रही हैं। एक मामले में जर्मन प्रसारक डॉयचे वेले ने बताया कि तालिबानी लड़ाकों ने उसके एक पत्रकार को पकड़ने के लिए घर-घर जाकर छानबीन की और उसके परिवार के सदस्य की गोली मारकर हत्या भी कर दी जबकि अन्य सदस्य गंभीर रूप से जख्मी हो गया।