अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद पंजशीर घाटी पर कब्जा करने को लेकर तालिबान का अफगान नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के साथ संघर्ष जारी है। इस बीच, तालिबान ने सोमवार को पंजशीर घाटी में "पूरी तरह कब्जा" करने का दावा किया है। वहीं, अफगान नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ने भी ये जानकारी दी कि उनके समूह के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य जनरल अब्दुल वदूद विद्रोही बलों और तालिबान के बीच गतिरोध के दौरान मारे गए। हमले में अफगान रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दश्ती की मौत हुई है। तालिबान के खिलाफ जंग का ऐलान करने वाले विद्रोही गुट के नेता अहमद मसूद के दो करीबियों की मौत से रेजिस्टेंस फ्रंट को बड़ा झटका लगा है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान का दावा है कि विद्रोह के आखिरी गढ़ पंजशीर पर कब्जा कर लिया गया है। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, "इस जीत से हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के दलदल से बाहर निकल गया है।" सोशल मीडिया पर सामने आ रही तस्वीरों में तालिबान के लड़ाके पंजशीर के प्रांतीय गवर्नर के परिसर के गेट के सामने खड़े नजर आ रहे हैं। हालांकि, तालिबान का विरोध कर रहे विद्रोही गुट के नेता अहमद मसूद की ओर से तालिबान के दावे पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
वहीं, समा न्यूज ने बताया कि विद्रोही बलों और तालिबान के बीच गतिरोध के दौरान मारे गए जनरल वदूद पंजशीर में तालिबान का मुकाबला कर रहे नेता अहमद मसूद का भतीजा था। कुछ खबरों में यह दावा भी किया जा रहा है कि अमरुल्ला सालेह के घर पर हेलिकॉप्टर हमले के बाद वह किसी सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। अफगान रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दस्ती की मौत की खबरों के बाद ये जानकारियां सामने आई हैं।
समा न्यूज ने अफगान रेजिस्टेंस फ्रंट के हवाले से कहा, "दुखद, अफगानिस्तान के नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ने आज दमन और आक्रामकता के खिलाफ विद्रोह में अपने दो साथियों को खो दिया। एनआरएफ के प्रवक्ता फहीम दश्ती और जनरल अब्दुल वदूद जारा शहीद हो गए हैं।" दश्ती जमीयत-ए-इस्लामी पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य और फेडरेशन ऑफ अफगान जर्नलिस्ट्स के सदस्य भी थे।
बता दें कि एक दिन पहले, अफगानिस्तान के उत्तरपूर्वी प्रांत पंजशीर में विद्रोही गुट के नेता अहमद मसूद ने कहा था कि तालिबान के पंजशीर छोड़ने पर रेजिस्टेंस फोर्स लड़ाई बंद करने और बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है।