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‘आधार डाटा लीक’ का खुलासा करने वाली पत्रकार को अवार्ड मिले, ना कि एफआईआर: स्नोडेन

आधार की सुरक्षा को लेकर चल रही बहस के बीच अमेरिकी व्हिसिलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने कहा है कि आधार डाटा...
‘आधार डाटा लीक’ का खुलासा करने वाली पत्रकार को अवार्ड मिले, ना कि एफआईआर: स्नोडेन

आधार की सुरक्षा को लेकर चल रही बहस के बीच अमेरिकी व्हिसिलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने कहा है कि आधार डाटा लीक होने का खुलासा करने वाली पत्रकार को अवार्ड मिलना चाहिए न की उस पर एफआईआर दर्ज हो।

दरअसल पिछले दिनों भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के उप निदेशक ने द ट्रिब्यून अखबार और उसकी संवाददाता रचना खैरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। यह एफआईआर उस रिपोर्ट को लेकर कराई गई जिसमें आधार के गोपनीय डाटा में कथित सेंधमारी की बात कही गई थी। द ट्रिब्यून ने अपने रिपोर्ट में खुलासा किया था कि 500 रूपये के बदले करोड़ों आधार के गोपनीय डाटा को बेचा जा रहा है। जबकि यूआईडीएआई ने इसे खारिज किया था।

स्नोडेन ने ट्वीट कर कहा कि आधार लीक को उजागर करने वाली पत्रकार को पुरस्कार मिलना चाहिए, न कि जांच। अगर सरकार इस मामले में सही में न्याय के लिए चिंतित है तो उन्हें अपनी आधार को लेकर नीतियों में सुधार करना चाहिए, जिन्होंने करोड़ों लोगों की निजता को खतरे में डाला है।  अगर किसी को गिरफ्तार करना ही है तो वे UIDAI ही है।

इस बीच, सूचना प्रसारण मंत्री मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कल कहा था कि सरकार "प्रेस की स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है" और यह प्राथमिकी अज्ञात के खिलाफ दर्ज की गई है।

उन्होंने कहा, "सरकार प्रेस की स्वतंत्रता के साथ-साथ भारत के विकास के लिए आधार की सुरक्षा और पवित्रता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। एफआईआर अज्ञात के खिलाफ है। मैंने यूआईडीएआई को सलाह दी है कि वे ट्रिब्यून और इसके पत्रकार से पुलिस को सहायता प्रदान करने के लिए अनुरोध करे जिससे वास्तविक अराधियों तक पहुंचा जा सके।”

गौरतलब है कि 5 जनवरी को, स्नोडेन ने संकेत दिया था कि भारत सरकार द्वारा गठित आधार डाटाबेस का उपयोग और दुरुपयोग किया जा सकता है।

 

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