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पाकिस्तान में बोले UN चीफ एंटोनियो गुतेरेस- मुझे भारतीय मुसलमानों की हो रही चिंता

पाकिस्तान के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचे संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरेस ने कश्मीर पर...
पाकिस्तान में बोले UN चीफ एंटोनियो गुतेरेस- मुझे भारतीय मुसलमानों की हो रही चिंता

पाकिस्तान के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचे संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरेस ने कश्मीर पर मध्यस्थता के प्रस्ताव के बाद अब नागरिकता कानून और भारतीय मुस्लिमों को लेकर चिंता जताई है। यूएन महासचिव ने कहा कि वह भारतीय संसद में पास हुए भेदभावकारी नागरिकता कानून से 20 लाख मुस्लिमों के 'राज्यविहीन' हो जाने के खतरे को लेकर चिंतित हैं।

गुतेरेस से सवाल किया गया कि क्या वह भारतीय मुस्लिमों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर निजी तौर पर चिंतित हैं? उन्होंने जवाब दिया कि बिल्कुल! ये बहुत जरूरी है कि जब राष्ट्रीयता से संबंधित कानूनों में बदलाव हो तो लोगों को राज्यविहीन बनाने की स्थिति से बचने के लिए कोशिशें की जाएं। यह सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है कि दुनिया का हर शख्स किसी देश का नागरिक भी हो।

इन रिपोर्ट्स को गंभीरता से लिया जाए

पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' को दिए इंटरव्यू में यूएन चीफ से कश्मीर मुद्दे में कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर भी सवाल किया गया। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग समेत तमाम रिपोर्ट्स ने यह स्पष्ट करने में अहम भूमिका निभाई है कि कश्मीर में क्या हो रहा है और यह जरूरी है कि इन रिपोर्ट्स को गंभीरता से लिया जाए।

कश्मीर को लेकर आई रिपोर्ट्स विश्वसनीय, अहम और प्रासंगिक

कश्मीर की स्थिति की हकीकत जानने के लिए यूएन द्वारा उच्च स्तरीय जांच आयोग का गठन की मांग पर गुतेरेस ने कहा कि यूएन की प्रशासनिक इकाइयां या सुरक्षा परिषद ही इस पर फैसला ले सकती हैं लेकिन कश्मीर को लेकर आई ये रिपोर्ट्स विश्वसनीय, अहम और प्रासंगिक हैं।

पहले हम दो ध्रुवीय दुनिया में रह रहे थे

यूएन चीफ ने यह भी स्वीकार किया कि यूएन की मौजूदा संरचना और पांच स्थायी सदस्य देशों की वीटो ताकत की वजह से यह संस्था अपने मूल मकसद यानी विवादों का समाधान निकालने में असफल साबित हो रही है। गुतेरेस ने यूएन को असरदार बनाने के लिए इसे ज्यादा लोकतांत्रिक, ज्यादा पारदर्शी बनाने की बात कही। इसके साथ ही यूएन को बहुध्रुवीय दुनिया का प्रतिनिधित्व करने की भी जरूरत पर जोर दिया।

यूएन चीफ ने कहा, पहले हम दो ध्रुवीय दुनिया में रह रहे थे। यहां नियम बहुत ही स्पष्ट थे लेकिन आज दुनिया दो ध्रुवीय नहीं बल्कि बहुध्रुवीय हो चुकी है। शक्ति के समीकरण बिल्कुल अस्पष्ट हैं और हम संघर्ष की तमाम परिस्थितियां देखते हैं।

वैश्विक समाधानों और बहुपक्षीय प्रशासन की सख्त जरूरत

गुतेरेस ने कहा, हम सबसे बड़े विरोधाभास के युग में जी रहे हैं। एक तरफ हमें वैश्विक समस्याओं के लिए वैश्विक समाधानों और बहुपक्षीय प्रशासन की सख्त जरूरत है लेकिन दूसरी तरफ हम एक अव्यवस्थित दुनिया में रह रहे हैं कि जहां कए कदम भी आगे बढ़ाना बेहद मुश्किल है। ये एक ऐसी चुनौती है जिससे हम यूएन के ढांचे में सुधार करके ही निपट सकते हैं।

वैश्वीकरण की वजह से तमाम लोग पीछे छूट गए

यूएन की निष्क्रियता को लेकर उन्होंने कहा कि वे दुनिया पर राज नहीं करते हैं और ये देशों की जिम्मेदारी है कि वे यूएन सुरक्षा परिषद के संकल्पों का सम्मान करें। गुतेरेस ने कहा कि मेरे पास सिर्फ शब्द हैं। दुनिया भर में लोग अपनी सरकारों से नाखुश हैं और वैश्वीकरण की वजह से तमाम लोग पीछे छूट गए हैं।

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