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अमेरिका बोला- आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करे पाकिस्तान, जानें भारत के एक्शन पर किस देश ने क्या कहा

पुलवामा हमले के जवाब में भारत की ओर से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद दुनिया के...
अमेरिका बोला- आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करे पाकिस्तान, जानें भारत के एक्शन पर किस देश ने क्या कहा

पुलवामा हमले के जवाब में भारत की ओर से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद दुनिया के कई बड़े देश भारत के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के बाद अमेरिका भी भारत के समर्थन में आ गए हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने पाकिस्तान से अपनी जमीन से संचालित हो रहे आतंकी ठिकानों को खत्म करने को कहा है।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने एक बयान जारी कर कहा, 'मैंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बात की और उनसे किसी भी सैन्य कार्रवाई से बचते हुए वर्तमान तनाव को कम करने की प्राथमिकता पर ध्यान देने को कहा। साथ ही पाकिस्तान से उनकी जमीन पर संचालित हो रहे आतंकी ठिकानों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा।'

अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा, 'भारत की ओर से 26 फरवरी को की गई आतंक विरोधी कार्रवाई के बाद, मैंने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात की और उनसे सुरक्षा सहयोग और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लक्ष्य पर जोर देने को कहा। मैंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बात की और उनसे किसी भी सैन्य कार्रवाई से बचते हुए वर्तमान तनाव को कम करने की प्राथमिकता पर ध्यान देने को कहा। मैंने दोनों देशों के मंत्रियों से कहा है कि हम दोनों देशों के बीच शांति चाहते हैं। टकराव को किसी भी कीमत पर टाला जाना चाहिए। हम चाहते हैं कि दोनों देश सीधे संवाद को प्राथमिकता दें और किसी भी सैन्य कार्रवाई को नजरअंदाज करें।'

आतंकी ठिकानों को खत्म करे पाकिस्तान: फ्रांस

फ्रांस ने पाकिस्तान से अपनी धरती से आतंकी ठिकानों को खत्म करने की मांग की है। 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद देश में गुस्सा था। फ्रांस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'फ्रांस 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की कठोर निंदा करता है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।'

फ्रांस ने सीमापार आतंकवाद के खिलाफ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत की कार्रवाई को मान्यता दी और पाकिस्तान से कहा कि वह अपनी सीमा में आतंकी ऑपरेशनों पर लगाम लगाए। फ्रांस जहां आतंक के खिलाफ लड़ाई में हर रूप में भारत का समर्थन कर रहा है, साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करने में भारत की मदद भी कर रहा है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ में जैश-ए-मोहम्मद को प्रतिबंधित करने के लिए फ्रांस प्रस्ताव पेश करेगा। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ इस कूटनीतिक घात के बाद भारत और फ्रांस पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।

पाक अपनी जमीन में आतंकवादियों को कानूनी और भौतिक जगह नहीं दे सकता: ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद समेत आतंकी संगठनों के खिलाफ “अतिशीघ्र और सार्थक” कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि वह आतंकी संगठनों को अब अपनी जमीन का कानूनी और भौतिक इस्तेमाल करते रहने नहीं दे सकता।

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मराइज पाइने ने भारत और पाकिस्तान से “संयम बरतने” और शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों का समाधान सुनिश्चित करने के लिये बातचीत करने का अनुरोध किया।

पाइने ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा समेत अपनी सरजमीन पर आतंकी संगठनों के खिलाफ निश्चित रूप से अतिशीघ्र और अर्थपूर्ण कार्रवाई करनी चाहिए।”

मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को जैश पर लगाए गए अपने प्रतिबंध को लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। वहीं नयी दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “ऑस्ट्रेलिया दोनों पक्षों से संयम बरतने और ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध करता है जिससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा हो। दोनों देश आपस में बात करें जिससे इन मुद्दों का शांतिपूर्ण हल सुनिश्चित हो सके।”

चीन ने क्या कहा?

चीन ने भारत और पाकिस्तान से ‘संयम बरतने’ का आह्वान किया और भारत से कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संचालित करे।

पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर भारत के हवाई हमलों के संबंध में चीन की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने यहां मीडिया से कहा, ‘‘हमने संबंधित खबरें देखी हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि भारत और पाकिस्तान दोनों दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण देश हैं। दोनों के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंध और सहयोग दोनों देशों के साथ ही दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के भी हित में है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि भारत और पाकिस्तान संयम बरतेंगे तथा अपने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए और प्रयास करेंगे।’’

 

 

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