अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर मुद्दे पर तीसरी बार मध्यस्थता की पेशकश को लेकर भारत ने अपना रुख स्पष्ट किया है। भारत ने अपनी स्थिति साफ करते हुए, ‘तीसरे पक्ष की मध्यस्थता’ को अस्वीकार किया है। ट्रंप का यह बयान, ‘हाउडी, मोदी’ रैली के ठीक अगले दिन आया है।
ट्रंप से मिले इमरान
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया डोनाल्ड के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने एक बार फिर दोहराया था कि यदि भारत-पाकिस्तन चाहे तो अमेरिका कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता कर सकता है। डोनाल्ड ट्रंप ने यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के बाद कही थी। ट्रंप ने यह भी कहा था कि मध्यस्थता तभी संभव है जब दोनों पक्ष इसके लिए सहमत हों।
विदेश मंत्रालय ने दिया बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के हवाले से कहा गया है, "आपको हमारी स्थिति के बारे में पता है। हमने पहले भी इस बारे में बताया है। मेरा अनुरोध है कि दोनों नेताओं की कल होने वाली बैठक का इंतजार किया जाए।” रवीश कुमार का कहना है कि पीएम मोदी और यूएस प्रेसिडेंट की मुलाकात अहम है।
हाउडी मोदी के बाद कश्मीर
कश्मीर पर मध्यस्थता करने का ट्रंप का नया प्रस्ताव ‘हाउडी, मोदी’ कार्यक्रम के एक दिन बाद आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिका के ह्यूस्टन में भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा किया था, जिसमें, पचास हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।
ट्रंप ने पहली बार जुलाई में कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। तब उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी ने उनसे मध्यस्थता के बारे में पूछा था। हालांकि इसके बाद ह्वाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा था कि ट्रंप और मोदी के बीच कश्मीर को लेकर कोई बात नहीं हुई है।