यरूशलम। ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों को एक अप्रत्यक्ष धमकी देते हुए इस्राइल ने कहा है कि वह ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश करेगा। इसके साथ ही इस्राइल ने कहा है कि वह तेहरान को एक अस्तित्व संबंधी खतरा मानता है।
इस्राइल के रक्षामंत्री मोशे यालोन ने जर्मन साप्ताहिक पत्रिका डेर श्पीगल को दिए साक्षात्कार में कहा कि ईरानी वैज्ञानिकों की जीवन प्रत्याशा के बारे में उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। यालोन ने कहा, अंतत: यह बहुत स्पष्ट है कि इस या उस तरीके से ईरान के सैन्य परमाणु कार्यक्रम को रोका जाना चाहिए।
इस्राइल के रक्षा मंत्री ने कहा, हम किसी भी तरीके से काम करेंगे और हम परमाणु हथियार संपन्न ईरान को बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। हम चाहते हैं कि यह प्रतिबंधों के माध्यम से हो जाए लेकिन अंतत: इस्राइल को अपनी रक्षा करने में सक्षम होना चाहिए।
ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्याओं का सवाल
इस्राइल परमाणु क्षमता संपन्न ईरान को अस्तित्व पर खतरा मानता है और उसने इस्लामी गणतंत्र द्वारा एेसी क्षमता हासिल करने के किसी भी प्रयास को विफल करने का संकल्प जताया है। ईरान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने इस साल दावा किया था कि रेवोल्यूशनरी गाड्र्स कोर ने इस्राइल की गुप्तचर एजेंसी मोस्साद द्वारा ईरान के एक परमाणु वैज्ञानिक की हत्या के प्रयास को विफल कर दिया था। फार्स न्यूज एजेंसी ने फ्लाइट गाड्र्स कोर के प्रमुख उप संपर्क अधिकारी कर्नल याकूब बाकेरी के हवाले से बताया, पिछले दो साल में यहूदीवादी शत्राु एक ईरानी परमाणु वैज्ञानिक की हत्या का गंभीर प्रयास कर रहा है, लेकिन आईआरजीसी सुरक्षा बलों की समयबद्ध मौजूदगी ने आतंकी अभियान को विफल कर दिया।
सीबीसी न्यूज की पिछले साल की खबर में दावा किया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन ने इस्राइल पर दबाव बनाया है कि वह ईरान के भीतर उसके परमाणु वैज्ञानिकों की हत्याएं न करे इस्राइल ने कभी भी इन हत्याओं को अंजाम देने की बात स्वीकार नहीं की है लेकिन ईरान के कम से कम पांच परमाणु वैज्ञानिकों की अब तक हत्या की जा चुकी है। इनमें से अधिकतर की मौत कार बम विस्फोट में हुई है।
अमेरिका को नहीं आपत्ति
ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु करार पर अमरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने खुशी जतायी थी। उन्होंने कहा था कि यह एक अच्छा करार है जो पश्चिम एशिया में एक और युद्ध के खतरे से कहीं बेहतर है। इससे वे सभी रास्ते बंद हो जाएंगे जिनके जरिये ईरान परमाणु हथियार विकसित कर सकता है। अमरिका का मानना है कि विश्व के छह शक्तिशाली देशों और ईरान के साथ हुए करार को पूरी तरह अमल में लाया जाता है तो तेहरान परमाणु हथियार हासिल नहीं कर पाएगा। हालांकि अमरीका के रिपब्लिकन सांसद ईरान के साथ हुए इस करार को लेकर संतुष्ट नहीं हैं।