यह स्वीकार करने के बाद कि दुनिया में एक साल या कुछ महीने पहले भी कोरोना वायरस की वैक्सीन आ सकती है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि यूके स्थित एस्ट्राजेनेका कंपनी वैक्सीन की दौड़ में आगे है, जबकि यूएस-आधारित फार्मास्युटिकल प्रमुख मॉडर्न भी बहुत पीछे नहीं है।
डब्ल्यूएचओ की शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि एस्ट्राजेनेका की कोरोना वायरस वैक्सीन सबसे उन्नत वैक्सीन है जो वर्तमान में विकास के मामले में बेहतर है। सौम्या स्वामीनाथन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "मुझे लगता है कि कोरोना से निपटने के लिए एस्ट्राजेनेका निश्चित रूप से इस समय एक अधिक वैश्विक गुंजाइश है जहां वे अपने वैक्सीन के परीक्षणों की योजना बना रहे हैं"।
ब्रिटिश ड्रग मेकर के सीईओ ने इस महीने बेल्जियम के रेडियो स्टेशन बेल आरटीएल को बताया कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवार को संभवतः रोग से सुरक्षा प्रदान करेगा।
इससे पहले डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधेनॉम गेब्रेसियस ने कहा कि यह निश्चित नहीं किया जा सकता है कि वैज्ञानिक कोरोना के खिलाफ प्रभावी वैक्सीन विकसित कर पाएंगे। हमें उम्मीद है कोविड-19 की वैक्सीन आएगी। यह अगले एक साल के अंदर तैयार हो सकती है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ने यह बात यूरोप की संसदीय स्वास्थ्य कमेटी से ऑनलाइन कॉफ्रेंसिंग के दौरान कही।
‘एक साल के अंदर या कुछ महीने में हो सकती है तैयार’
टेड्रोस के मुताबिक, हमारे पास कोरोना की वैक्सीन कभी नहीं थी। इसलिए जब यह तैयार होगी तो सामने आएगी। इसे तेजी से तैयार करने के प्रयास जारी हैं। ऐसे में हो सकता है कि यह एक साल के अंदर या कुछ महीने में भी तैयार हो सकती है। वैज्ञानिक भी यही बात कर रहे हैं। वर्तमान में सौ से अधिक कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट डेवलपमेंट के विभिन्न चरणों में हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगाह किया
टेड्रोस अधेनॉम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगाह किया। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोरोनावायरस अभी भी फैल रहा है। यह समय हमें खुद को सुरक्षित रखने का है, इसलिए बचाव की हर सावधानी बरतें।