ब्राजील में भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की खरीदने के समझौते में अनियमितताओं को लेकर जांच शुरू हो गई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार जांच के दौरान पता चला की स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कोवैक्सीन खरीदने में आंतरिक दबाव को लेकर राष्ट्रपति को अलर्ट किया गया था। इस मामले में ब्राजील के एक सांसद ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी पर भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन को खरीदने के लिए दबाव बनाया गया था।
ब्राजील सरकार द्वारा कोरोना से नपटने के मामले की जांच कर रहे एक सीनेट पैनल ने औपचारिक रूप से रसद विभाग के अधिकारी लुइस रिकार्डा मिरांडा को बुधवार को गवाही देने के लिए बुलाया गया।
न्यूज एजेंसी के अनुसार लुइस रिकार्ड निरांडा ने अभियोजकों को बताया कि राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के करीबी सहयोगियों में से एक पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एडुआर्डो पजुएलो के सहयोगी एलेक्स लियाल मारिन्हो ने उन पर वैक्सीन की खरीद को लेकर दबाव बनाया था।
फिलहाल ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एलेक्स लियाल मारिन्हो के विषय में अब तक कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल्सोनारो के सचिव ओरंग लोरेंजोनी ने कहा कि वैक्सीन की डील में किसी ने कोई दबाव नहीं बनाया था, यह आरोप जाली दस्तावेजों पर आधारित थे।
बता दें कि भारत बायोटेक ने कहा है कि विदेशी सरकारों के लिए वैक्सीन के दाम 15-20 डॉलर प्रति डोज रखा है। इसी कीमत पर ब्राजील के साथ भी सौदा पक्का किया था। फरवरी में ब्राजील के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भी भारत बायोटेक ने अब तक कोई वैक्सीन नहीं भेजी है। इसके लिए कंपनी की मंजूरी और औपचारिक खरीद आदेश का इंतजार किया जा रहा है।