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ईरान ने इज़राइल पर किया क्लस्टर-बम का इस्तेमाल, जानिए कितना खतरनाक है यह मिसाइल?

ईरान-इज़राइल के बीच जारी युद्ध अब और खतरनाक होता जा रहा है। झड़प के आठवें दिन ईरान ने इज़राइल पर...
ईरान ने इज़राइल पर किया क्लस्टर-बम का इस्तेमाल, जानिए कितना खतरनाक है यह मिसाइल?

ईरान-इज़राइल के बीच जारी युद्ध अब और खतरनाक होता जा रहा है। झड़प के आठवें दिन ईरान ने इज़राइल पर क्लस्टर बम का इस्तेमाल कर लड़ाई को एक नए मोड़ पर ला दिया है। क्लस्टर बम अपने आप में काफी खतरनाक होता है। ये आमतौर पर कई छोटे-छोटे बम होते हैं जो किसी क्षेत्र में गिरने पर आसपास बिखरकर एक बार में कई जगहों को तबाह कर देते हैं। इज़राइल का कहना है कि ईरान ने यह हमला सेंट्रल क्षेत्र के रिहायशी इलाके में किया है और इस युद्ध में क्लस्टर बम का यह पहला इस्तेमाल है।

इज़राइल ने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि आज ईरान ने इज़राइल के घने रिहायशी इलाके में क्लस्टर बम से लैस मिसाइल का इस्तेमाल किया है। इज़राइल के अनुसार, यह मिसाइल आसमान में करीब 8 किलोमीटर ऊपर फट गई और उसमें से निकले 20 छोटे-छोटे बम सेंट्रल इज़राइल के 8 किलोमीटर के दायरे में गिरे। यह हमला पूरी तरह से रिहायशी इलाकों में हुआ है। हालांकि ईरान की ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

खबरों के मुताबिक, कल ईरान द्वारा एक इमारत पर किए गए हमले के बाद एक और शव बरामद किया गया है और अब तक मरने वालों की संख्या 25 हो गई है। वहीं जब से युद्ध शुरू हुआ है, ईरान में मरने वालों की कुल संख्या 225 हो चुकी है, जिनमें मिलिट्री अफसर, न्यूक्लियर साइंटिस्ट और आम नागरिक शामिल हैं।

यूरोपीय देशों के राजनयिक शुक्रवार को जिनेवा में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची के साथ मुलाकात करेंगे। यह बैठक तनाव को और बढ़ने से रोकने की आखिरी कोशिश मानी जा रही है। फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने सभी पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के ज़रिए समाधान निकालने की अपील की है।

माना जा रहा है कि रूस, चीन और पाकिस्तान समर्थित ईरान के अनुरोध पर वह जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की दूसरी आपात बैठक बुला सकता है। हालांकि अभी तक इस युद्ध में अमेरिका का कोई सीधा हस्तक्षेप सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि वे अगले दो हफ्तों में यह तय कर लेंगे कि उन्हें इस युद्ध में इज़राइल का समर्थन करना है या नहीं।

ब्रिटेन का मानना है कि अगले दो हफ्ते शांति स्थापित करने के लिए बेहद अहम हैं।

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