पाकिस्तान मंगलवार से शुरू होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक की मेजबानी के लिए तैयार है और इसी के मद्देनजर सोमवार को इस्लामाबाद में सुरक्षा बढ़ा दी गई तथा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
इस विशाल अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विदेशी गणमान्य अतिथि पाकिस्तान पहुंचने लगे हैं। समूचे देश में बढ़ते आतंकवादी हमलों और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा प्रदर्शन जारी रखने के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका की पृष्ठभूमि में इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन एवं रूस के प्रधानमंत्री यहां इस दो दिवसीय 23वें एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) की बैठक में शामिल होने वाले हैं, जहां वे अर्थव्यवस्था, कारोबार एवं पर्यावरण के क्षेत्र में जारी सहयोग पर चर्चा करेंगे।
ये नेता एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण संगठनात्मक निर्णय लेंगे तथा संगठन के बजट को मंजूरी देंगे।
सीएचजी के मौजूदा अध्यक्ष की हैसियत से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आगामी सीएचजी बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, एससीओ सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व जयशंकर के अलावा चीन, रूस, बेलारूस, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री तथा ईरान के उपराष्ट्रपति करेंगे।
मंगोलिया (पर्यवेक्षक देश) के प्रधानमंत्री और तुर्कमेनिस्तान (विशेष अतिथि) के मंत्रिपरिषद के उपाध्यक्ष एवं विदेश मंत्री भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे।
रूस से 76 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, चीन से 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, भारत से चार सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंउल, किर्गिस्तान से चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और ईरान से दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पहले ही इस्लामाबाद पहुंच चुका है।
शंघाई सहयोग संगठन का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी पाकिस्तान पहुंच गया है।
इस बीच, शांति बनाए रखने के लिए पुलिस, अर्द्धसैनिक बल के रेंजर और सैन्य टुकड़ियों को तैनात किया गया है।
इस अवसर पर अधिकारियों ने सभी प्रकार के राजनीतिक जमावड़े और विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा विरोध प्रदर्शन की धमकी के कारण तनाव व्याप्त है। पीटीआई ने घोषणा की है कि अगर पार्टी नेताओं और अन्य लोगों को खान से मिलने की अनुमति नहीं दी गई तो वे डी-चौक पर प्रदर्शन करेंगे।
अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने की चेतावनी दी है, हालांकि पर्दे के पीछे से पार्टी को अपना विरोध प्रदर्शन वापस लेने के लिए मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि सरकार पीटीआई की मांग को पूरा करने के लिए पार्टी अध्यक्ष गौहर खान और वकीलों की एक टीम को खान से मिलने की अनुमति दे सकती है ताकि विरोध प्रदर्शन को रद्द किया जा सके।