चेक रिपब्लिक के राष्ट्रपति पेट्र पावेल और तिब्बती धार्मिक गुरु दलाई लामा की मुलाकात से चीन भड़क गया है। बीजिंग ने चेक रिपब्लिक को चेतावनी देते हुए कहा कि संबंधों में स्थिरता बनाए रखने के लिए उसे 'एक चीन नीति' के तहत ही आगे बढ़ना चाहिए। चीन ने कहा कि वह दलाई लामा गुट के साथ किसी भी प्रकार के संबंधों की निंदा करता है।
पावेल 27 जुलाई को दलाई लामा से मिले थे। इस मुलाकात के बाद दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। तस्वीर में चेक राष्ट्रपति, दलाई लामा को गौतम बुद्ध की एक छोटी मूर्ति भेंट करते नज़र आ रहे हैं। इस मुलाकात की तस्वीरें दलाई लामा के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर साझा की गईं, जिसमें लिखा था:
"चेक गणराज्य के राष्ट्रपति पेट्र पावेल ने भारत के लेह, लद्दाख में परम पावन दलाई लामा से मुलाकात की। बैठक के दौरान राष्ट्रपति पावेल ने दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं।"
चीन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि चेक पक्ष को अपनी एक-चीन नीति के प्रति राजनीतिक प्रतिबद्धता का पालन करना चाहिए। उन्हें कोई ऐसा संकेत नहीं देना चाहिए जिससे तिब्बती अलगाववाद को बढ़ावा मिले।
दलाई लामा वर्ष 1959 से भारत में निर्वासन में रह रहे हैं, और चीन इस बात से लगातार नाराज़ रहा है। हाल ही में दलाई लामा के जन्मदिन के अवसर पर जब कई भारतीय मंत्री उनसे मिलने गए थे, तब भी चीन ने भारत के इस कदम पर आपत्ति जताई थी। भारत में तिब्बत की निर्वासित सरकार भी मौजूद है, जिसका संचालन हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से होता है। देश में करीब 70,000 तिब्बती शरणार्थी रहते हैं।
भारतीय विदेश नीति की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि दलाई लामा की मौजूदगी नई दिल्ली को चीन के खिलाफ एक रणनीतिक बढ़त देती है। चीन, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिस पर भारत कई बार आपत्ति जता चुका है। लेकिन इसके विपरीत, चीन द्वारा तिब्बत पर कब्ज़ा किए जाने को लेकर भारत सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहता। भारत आधिकारिक रूप से 'एक चीन नीति' को मान्यता देता है, लेकिन अब इसके रुख में बदलाव देखने को मिल रहा है।
हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा था कि राज्य की सीमा चीन से नहीं, बल्कि तिब्बत से मिलती है। यह पहली बार है जब किसी पदस्थ मुख्यमंत्री ने इस तरह का बयान दिया है। चीन पूरे अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है।