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रूस ने कहा, "पुतिन बातचीत को तैयार, लेकिन जेलेंस्की की वैधता पर सवाल"

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के...
रूस ने कहा,

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से वार्ता करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने जेलेंस्की की वैधता पर सवाल उठाया।

एनबीसी न्यूज को दिए एक दुर्लभ इंटरव्यू में लावरोव ने कहा कि किसी भी समझौते पर दस्तखत करने से पहले यह स्पष्ट होना चाहिए कि सामने वाला व्यक्ति वैध है। उन्होंने कहा— “जब दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने की स्थिति आएगी, तब यह स्पष्ट समझ जरूरी होगी कि हस्ताक्षर करने वाला व्यक्ति वैध है। यूक्रेन के संविधान के अनुसार, जेलेंस्की वैध राष्ट्रपति नहीं हैं।”

लावरोव ने माना कि जेलेंस्की “डी-फैक्टो” यूक्रेन शासन के प्रमुख हैं, लेकिन यह भी जोड़ा कि समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति की वैधता बहुत गंभीर मुद्दा है। उनका कहना था कि पुतिन से मुलाकात की जेलेंस्की की मांगें दरअसल उनकी वैधता को मजबूत करने की कोशिश है।

रूस लगातार यह तर्क दे रहा है कि जेलेंस्की का 5 साल का कार्यकाल मई में खत्म हो चुका है। वहीं कीव का कहना है कि मार्शल लॉ के प्रावधानों के चलते युद्धकाल में राष्ट्रपति की शक्तियां स्वतः बढ़ जाती हैं, इसलिए जेलेंस्की अब भी वैध राष्ट्रपति हैं।

यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में अलास्का में राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अहम वार्ता हुई। उसके बाद रूस ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को सुधारने और सहयोग बहाल करने की बात कही तथा ट्रंप को मॉस्को आने का न्योता भी दिया।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने कहा कि रूस ने युद्ध समाप्त करने की ट्रंप की मांगों के बाद यूक्रेन को “महत्वपूर्ण रियायतें” दी हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने मॉस्को और कीव दोनों के साथ “बहुत आक्रामक और ऊर्जावान कूटनीति” की है ताकि युद्ध को रोकने का कोई समझौता हो सके।

लावरोव ने यह भी दावा किया कि रूस की किसी क्षेत्र को कब्जाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा— “हमारे पास दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र है, हमें किसी और क्षेत्र की ज़रूरत नहीं। हमारा लक्ष्य सिर्फ यूक्रेन की जमीन से रूस पर आने वाले सुरक्षा खतरों को खत्म करना है और रूसी मूल व रूसीभाषी लोगों को यूक्रेन की ‘नाज़ी हुकूमत’ से बचाना है।”

वहीं पुतिन ने अलास्का वार्ता के बाद कहा कि उनकी ट्रंप से “अच्छी, रचनात्मक और स्पष्ट बातचीत” हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कदम रूस-अमेरिका संबंधों की बहाली की शुरुआत होगी और आगे की प्रगति अमेरिकी नेतृत्व पर निर्भर करेगी।

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