चीन के तियानजिन में आज सोमवार से दस सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की शिखर बैठक शुरू हो गई। रूस भारत और चीन की तिकड़ी आजकल चर्चा में है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र से पहले हल्के-फुल्के पल साझा किए, जिनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे को गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया, जिसके बाद वे एससीओ सदस्यों की पारिवारिक तस्वीर के लिए मंच की ओर बढ़े। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह बातचीत उनकी द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई, जो पूर्ण सत्र के बाद होने वाली है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन के अन्य नेताओं के साथ समूह की भावी दिशा तय करने के लिए एक दिवसीय विचार-विमर्श शुरू किया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नेताओं का स्वागत किया।
रविवार रात शी द्वारा आयोजित एक विशाल भोज के साथ 25वें शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत हुई। इसमें प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित अन्य लोग शामिल हुए।
इस वर्ष का शिखर सम्मेलन एससीओ समूह का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन बताया गया है, क्योंकि चीन, जो इस वर्ष संगठन का अध्यक्ष है, ने एससीओ प्लस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित 20 विदेशी नेताओं और 10 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया है।
सोमवार को नेतागण बैठक को संबोधित करेंगे तथा संगठन के लिए अपने भविष्य के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध और रविवार को भारतीय प्रधानमंत्री की शी जिनपिंग के साथ बैठक की पृष्ठभूमि में मोदी के भाषण पर उत्सुकता से नजर रखी जा रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक से दोनों देशों के संबंधों के लिए नया रोडमैप तैयार होगा।
अपने स्वागत भोज संबोधन में शी ने कहा कि एससीओ पर क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की रक्षा करने तथा बढ़ती अनिश्चितताओं और त्वरित परिवर्तनों की दुनिया में विभिन्न देशों के विकास को बढ़ावा देने की बड़ी जिम्मेदारी है।
भोज को संबोधित करते हुए, शी ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी पक्षों के सम्मिलित प्रयासों से यह शिखर सम्मेलन पूर्णतः सफल होगा और एससीओ निश्चित रूप से और भी बड़ी भूमिका निभाएगा तथा और अधिक प्रगति हासिल करेगा।
उन्होंने कहा कि यह सदस्य देशों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देने, वैश्विक दक्षिण की शक्ति को एकजुट करने और मानव सभ्यता की और अधिक प्रगति को आगे बढ़ाने में और भी बड़ा योगदान देगा।
जून 2001 में शंघाई में स्थापित एससीओ छह संस्थापक सदस्यों से बढ़कर 26 देशों का परिवार बन गया है, जिसमें 10 सदस्य, दो पर्यवेक्षक और 14 वार्ता साझेदार शामिल हैं, जो एशिया, यूरोप और अफ्रीका में फैले हुए हैं।
प्रमुख उभरते बाजारों और चीन, रूस तथा भारत जैसे विकासशील देशों के सदस्यों के साथ, एससीओ विश्व की लगभग आधी आबादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक-चौथाई का प्रतिनिधित्व करता है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रविवार को कहा, "प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे, जहां वह एससीओ के अंतर्गत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगे। इस बैठक के बाद, उनका रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करने का कार्यक्रम है, जिसके बाद वह भारत के लिए रवाना होंगे।"
प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कज़ान में अपनी पिछली बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति और स्थिर प्रगति का स्वागत किया।
दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश विकास साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं और उनके मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए। उन्होंने भारत और चीन के बीच आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित एक स्थिर संबंध और सहयोग का आह्वान किया, जो दोनों देशों की वृद्धि और विकास के साथ-साथ 21वीं सदी की प्रवृत्तियों के अनुरूप एक बहुध्रुवीय विश्व और बहुध्रुवीय एशिया के लिए आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के महत्व को भी रेखांकित किया।
एससीओ में दस सदस्य हैं। भारत के अलावा, इनमें बेलारूस, चीन, ईरान, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान शामिल हैं। इसके अलावा, कई संवाद साझेदार और पर्यवेक्षक भी हैं। भारत 2017 से एससीओ का सदस्य है, और 2005 से पर्यवेक्षक रहा है।
अपनी सदस्यता अवधि के दौरान, भारत ने 2020 में एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद और 2022 से 2023 तक एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की अध्यक्षता की है।