इमरान खान की हत्या के प्रयास के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर गतिरोध उस समय और गहरा गया जब पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी ने उनकी शिकायत दर्ज करने में कथित पुलिस की अनिच्छा पर सवाल उठाए जबकि पुलिस ने कोई आवेदन मिलने से इनकार किया।
बता दें कि 70 वर्षीय खान को गुरुवार को दाहिने पैर में गोली लग गई, जब पंजाब प्रांत के वजीराबाद इलाके में दो बंदूकधारियों ने उन पर और अन्य पर एक कंटेनर-माउंटेड ट्रक पर गोलियां चलाईं, जहां वह विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे थे।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष खान ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर उसी तरह पंजाब के पूर्व गवर्नर सलमान की हत्या की साजिश में शामिल थे। तासीर की 2011 में एक धार्मिक चरमपंथी ने हत्या कर दी थी।
उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है क्योंकि कुछ लोग (कुछ नामों) से डरते हैं। यह गतिरोध खान द्वारा प्राथमिकी में सेना अधिकारी का नाम लेने की जिद से उपजा था। डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, शनिवार को विवाद उस समय और गहरा गया जब खान की पार्टी ने शिकायत दर्ज करने में कथित पुलिस की अनिच्छा पर सवाल उठाया।
जबकि पंजाब पुलिस ने शूटिंग से जुड़े कम से कम तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया, उन्होंने प्राथमिकी के लिए पीटीआई से कोई आवेदन प्राप्त होने से इनकार किया।
दूसरी ओर, खान के भतीजे एडवोकेट हसन नियाज़ी ने डॉन को बताया कि उन्होंने पुलिस स्टेशन में आवेदन जमा कर दिया था, लेकिन कर्मियों ने उन्हें इसकी कोई रसीद नहीं दी।