भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने नई दिल्ली में बताया कि मंत्रालय ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब किया और अंतरराष्ट्रीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा संघर्ष-विराम के सतत उल्लंघन पर भारत सरकार की ओर से जोरदार तरीके से चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, संयम के आग्रह के बावजूद पाकिस्तानी बलों ने तीन नवंबर 2016 से ही 16 बार संघर्ष-विराम उल्लंघन कर दिया है। नतीजतन भारतीय सुरक्षा बलों के तीन जवान शहीद हो गए। स्वरूप ने कहा, सरकार ने संदेश दिया कि इस तरह लोगों की जान जाना अस्वीकार्य है और इसका पुरजोर विरोध किया जाता है। इसके साथ ही पाकिस्तानी बलों की गोलेबारी में नागरिकों का घायल होना निंदनीय है। उन्होंने कहा, भारत ने, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के आठ अधिकारियों की तस्वीरें पाकिस्तान सरकार द्वारा तथ्यात्मक रूप से गलत आरोपों के मद्देनजर अखबारों में प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाने के तरीके पर भी विरोध जताया। भारत ने कहा कि यह कूटनीतिक प्रक्रिया और शिष्टाचार के बुनियादी नियमों के खिलाफ है और इससे उनकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। स्वरूप ने कहा, अपेक्षा की जाती है कि पाकिस्तानी पक्ष भविष्य में इस तरह की कार्रवाइयों से बचेगा और इस्लामाबाद में भारत के उच्चायोग के सभी सदस्यों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
उधर इस्लामाबाद में विदेश कार्यालय (एफओ) ने कहा कि महानिदेशक (दक्षिण एशिया और दक्षेस) मोहम्मद फैजल ने भारतीय उप उच्चायुक्त जेपी सिंह को तलब किया और खुइराता तथा बट्टल सेक्टरों में नियंत्रण रेखा पर भारतीय बलों द्वारा आठ नवंबर को बिना उकसावे के संघर्ष-विराम उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इसकी कड़ी निंदा की। दो सप्ताह से अधिक समय में छठी बार भारतीय उप उच्चायुक्त को एफओ में तलब किया गया। एफओ ने कहा कि भारत द्वारा उल्लंघन से चार नागरिक मारे गए जिनमें एक महिला और 10 साल की एक बच्ची शामिल है। सात लोगों के घायल होने की भी बात कही गई। सिंह ने अपनी तरफ से पाकिस्तानी रेंजरों की बिना उकसावे के गोलीबारी पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि यह प्रमुख रूप से घुसपैठियों को संरक्षण देने के लिए की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा संघर्ष-विराम उल्लंघन में भारत की तरफ आम नागरिक और जवान हताहत हो रहे हैं।