जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश-ए-मुहम्मद के बारे में पाक आर्मी ने चौंकाने वाला दावा किया है कि आतंकी संगठन पाकिस्तान में है ही नहीं। पाक आर्मी ने ये दावा तब किया है जब कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने स्वीकार किया कि आतंकी संगठन जैश का सरगना पाकिस्तान में है और बहुत बीमार है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि हमारे मुल्क में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का वजूद ही नहीं है। पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि इस संगठन को हमारे मुल्क और संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंधित किया है। गफूर का ये बयान उस वक्त आया है, जब पाक विदेश मंत्री महमूद शाह कुरैशी ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि वह जैश के सरगना मसूद अजहर के संपर्क में हैं।
इस बीच, बुधवार को ही पाक के वित्त सचिव ने कहा कि वित्तीय प्रतिबंधों से बचने के लिए प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।
हमले के बाद हम युद्ध के करीब थे: आसिफ गफूर
पाक आर्मी के प्रवक्ता और महानिदेशक अंतर सेवा जनसंपर्क (आईएसपीआर) मेजर जनरल आसिफ गफूर से जब पूछा गया कि क्या हमले के बाद दोनों देश युद्ध के करीब थे तो उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि हम युद्ध के करीब थे क्योंकि जब उन्होंने (भारत) हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था तो हमने उसकी प्रतिक्रिया दी।
‘बॉर्डर पर सेना में वृद्धि की गई’
नियंत्रण रेखा (LoC) पर नजर रखे हुए थे। दशकों से नियंत्रण रेखा में सेना मौजूद है। लेकिन भारतीय आक्रमण और हमारी प्रतिक्रिया के बाद दोनों पक्षों द्वारा सुरक्षा उपाय किए गए। गफूर नियंत्रण रेखा पर वर्तमान स्थिति के बारे में बता रहे थे। उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर सेना में वृद्धि की गई थी, क्योंकि यह सैन्य की योजना का स्वाभाविक हिस्सा है।
बालाकोट एयर स्ट्राइक गफूर ने कहा- गलत दावा कर रहा है भारत
जब गफूर से बालाकोट में भारत के हवाई हमले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वहां एक भी ईंट नहीं हिली और न ही कोई हताहत हुआ। वे (भारत) गलत दावा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पुलवामा आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी का दावा लेने वाला जैश-ए-मुहम्मद पाकिस्तान में मौजूद है ही नहीं। उसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान द्वारा मुकदमा चलाया गया है। दूसरी बात यह है कि हम कोई भी कार्रवाई किसी के दबाव में नहीं कर रहे हैं।
‘अभिनंदन को रिहा करना शांति के लिए उठाया गया कदम’
गफूर ने कहा कि पाकिस्तान को दोष देने के बजाय विश्व के लिए यह समय ऐसे संगठनों से छुटकारा पाने में पाकिस्तान की सहायता और सुविधा देने का है। पाकिस्तान द्वारा भारतीय पायलट अभिनंदन वर्तमान को रिहा करना शांति के लिए उठाया गया कदम है। मेजर जनरल गफूर ने कहा कि अब यह भारत पर निर्भर है कि क्या वे इसे शांति के लिए उठाए गए कदम के रूप में लेते हैं और तनाव घटाने की दिशा में आगे बढ़ते हैं या उनके पास जो एजेंडा है, उसे जारी रखते हैं। अब गेंद भारतीय पाले में है। क्या वे तनाव बढ़ाना चाहते हैं, तो स्थिति और बुरी हो जाएगी।
पाकिस्ताशन में है जैश सरगना: कुरैशी
पिछले महीने कुरैशी ने बातचीत के दौरान बताया था कि जैश सरगना पाकिस्ता न में है लेकिन उन्होंमने कहा कि सरकार उसके खिलाफ तभी कार्रवाई कर सकती है, जब भारत ‘ठोस’ और ‘अक्षम्य’ साक्ष्य प्रस्तुत करे, जो अदालत में खड़े हो सकते हों।
पुलवामा हमले में शहीद हो गए 40 जवान
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध बढ़ने का मुख्य कारण पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मुहम्मद द्वारा 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने का दावा किया गया, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए।
पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक
पुलवामा आतंकी हमले के बाद 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने एक आतंकवाद रोधी अभियान के तहत बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हमला बोला था। अगले दिन पाकिस्तान वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई की और भारत के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पकड़ लिया, जिन्हें शुक्रवार को भारत को सौंप दिया गया।