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मोदी-जिनपिंग मुलाकात: सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति

दोनों देशों ने सीमा पर शांति बनाए रखने बात कही है।
मोदी-जिनपिंग मुलाकात: सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति

भारत-चीन सीमा विवादों के बीच सबकी नजर चीन के शियामेन में चले तीन दिन के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर टिकी थी। इस दौरान मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने पर आपसी सहमति बनी है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी कर बताया गया है कि दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति बनी है। साथ ही दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई है कि अगर भविष्य में दोनों देशों के बीच कोई मतभेद होता है तो उसे विवाद न बनना दिया जाए।

प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग की बैठक के बाद विदेश सचिव एस. जयशंकर ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच 1 घंटे से ज्यादा देर तक बातचीत चली। दोनों नेताओं के बीच ब्रिक्स देशों से जुड़े कई मुद्दों पर बात हुई। उनके बीच काफी सकारात्मक रवैये में बात हुई। दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों को आपसी भरोसा बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि जयशंकर ने बताया कि इस बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर बात नहीं हुई है, लेकिन ब्रिक्स की बैठक में इस पर बात हुई थी। दोनों देशों ने सीमा पर शांति बनाए रखने बात कही है।

पंचशीलपर चलने को तैयार: जिनपिंग

वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, “भारत और चीन दो बड़े पड़ोसी देश हैं, इसके साथ ही हम दोनों दुनिया की सबसे बड़े और उभरते हुए देश भी हैं।”

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी से कहा कि वह भारत के साथ मिलकर पंचशील समझौते के 5 सिद्धांतों पर साथ चलने को तैयार हैं।

वहीं पीएम मोदी ने कहा कि तेज गति से बदलते वैश्विक परिवेश में ब्रिक्स को और भी ताकतवर बनाने में ये सम्मेलन काफी मददगार होगा। इस दौरान पीएम मोदी ने गोवा में हुए ब्रिक्स सम्मेलन का भी जिक्र किया।

उठा आतंकवाद का मुद्दा

मंगलवार को ब्रिक्स शियामेन 2017 के घोषणापत्र में आतंकवाद का जिक्र किया गया है। इस घोषणापत्र में लश्कर-ए-तयैबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत कुल 10 आतंकी संगठनों का जिक्र है।

भारत-चीन तनाव की वजह

सिक्किम सीमा सेक्टर के पास डोकलाम में यह गतिरोध तब शुरू हुआ जब इस इलाके में चीनी सेना द्वारा किए जाने वाले सड़क निर्माण कार्य को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया। भारत का मानना है कि अगर चीन डोकलाम में सड़क बनाने में कामयाब रहता है तो उसके लिए कभी भी उत्तर-पूर्व के हिस्से तक शेष भारत की पहुंच को रोक देना आसान हो जाएगा। जबकि डोकलाम इलाके को भूटान अपना मानता है, लेकिन चीन का दावा है कि यह उसके क्षेत्र में आता है। जिसे लेकर भारत की सेनाओं के बीच 16 जून को तनातनी शुरू हुई थी। लगभग 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद बीते 28 अगस्त को भारत और चीन ने गतिरोध सुलझाने और डोकलाम से अपनी-अपनी सेनाएं हटाने की घोषणा की।

 

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