ढाका। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बांग्लादेश के स्वतंत्रता संघर्ष में सक्रिय भूमिका निभाने और दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने में उनके योगदान के लिए आज बांग्लादेश मुक्ति संग्राम सम्मान प्रदान किया गया। बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने यहां राष्ट्रपति आवास बंग भवन में शानदार समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह सम्मान सौंपा। इस समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्राी शेख हसीना और यहां की सरकार के शीर्ष अधिकारी शामिल थे।
वाजपेयी की ओर से सम्मान ग्रहण करने के मौके पर मोदी ने कहा, यह दिन हम सभी भारतीयों के लिए बड़े गर्व का है कि अटल बिहारी वाजपेयी जैसे एक महान नेता को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया और आम आदमी के अधिकारों की लड़ाई लड़ी तथा राजनीतिक दृष्टिकोण से वह मेरे जैसे राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा हैं। मोदी ने कहा कि वह 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं के समर्थन में जन संघ द्वारा आयोजित सत्याग्रह में हिस्सा लेने दिल्ली आने वाले युवा कार्यकर्ताओं में से एक थे। उन्होंने छह दिसंबर 1971 को संसद में दिए वाजपेयी के भाषण को याद किया, जिसमें उन्होंने सरकार से बांग्लादेश को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता प्रदान करने को कहा था।मोदी ने कहा, अगर अटलजी का स्वास्थ्य ठीक होता और वह यहां मौजूद होते तब यह अवसर कुछ अलग ही होता।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्राी शेख हसीना ने इस अवसर पर कहा कि बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में वाजपेयी की गतिविधियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस अवसर पर हसीना ने मोदी को वाजपेयी का योग्य उत्तराधिकारी और वाजपेयी की तरह बांग्लादेश का एक बड़ा मित्रा बताया। हसीना ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में भारत की मदद को स्वीकार किया और इस बात को भी याद किया कि उस समय भारतीयों ने बांग्लादेश के लोगों को आश्रय दिया था।