पुलवामा हमले के बाद वैश्विक स्तर पर खुद के 'आतंकी मुल्क' की छवि और मजबूत होने से परेशान पाकिस्तान अब मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का विरोध बंद कर सकता है। साथ ही यह भी खबरें हैं कि पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ तनाव कम करने की कोशिश में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। अगर ऐसा होता है तो भारत के लिए यह बीते कुछ सालों की सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत होगी। भारत सरकार आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को दुनिया भर में अलग-थलग करने में जुटी है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद समेत तमाम प्रतिबंधित संगठनों को लेकर निर्णायक फैसला ले सकता है। इसके अलावा वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव के विरोध से भी पीछे हट सकता है।
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने यूएन में ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का दिया है प्रस्ताव
बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त रूप से यूएन सुरक्षा परिषद में अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया गया है। यदि इस प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद से मंजूरी मिलती है तो उस पर ट्रैवल बैन लगने के साथ ही दुनिया के तमाम देशों में उसकी संपत्ति भी फ्रीज हो जाएगी। यही नहीं हथियारों तक उसकी पहुंच भी मुश्किल होगी।
पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक रिपोर्ट में एक सीनियर सुरक्षा अधिकारी के हवाले से लिखा, 'पाकिस्तान सरकार बड़ा नीतिगत फैसला लेते हुए प्रतिबंधित संगठनों पर निर्णायक कार्रवाई कर सकती है। इनमें जैश-ए-मोहम्मद भी शामिल है।' अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान अजहर के खिलाफ क्या ऐक्शन ले सकता है, लेकिन इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के प्रस्ताव का विरोध खत्म किया जा सकता है।
इमरान सरकार कर सकती है मसूद पर कार्रवाई
सूत्र ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि सरकार ने सैद्धांतिक रूप से जेईएम (अजहर) के नेतृत्व पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। जेईएम के खिलाफ देश में कार्रवाई जल्द ही किसी भी समय हो सकती है। सूत्र ने कहा, ''भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की कोशिश में इमरान खान सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई है। भारतीय पायलट को उसके देश भेजने के बाद तनाव कम करने की कोशिश में इमरान खान सरकार का यह अन्य महत्वपूर्ण कदम है। अजहर के भविष्य पर एक सवाल के जवाब में आधिकारिक सूत्र ने बताया कि वह यह पुष्टि नहीं कर सकते कि उसे घर में नजरबंद किया जाएगा या हिरासत में लिया जाएगा। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी से संपर्क करने पर उन्होंने कहा, ''सरकार ने पहले भी जेईएम समेत प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की है और उनके खिलाफ भविष्य में कोई भी कार्रवाई राष्ट्रीय कार्य योजना और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल के संबंध में हमारी प्रतिबद्धताओं के अनुसार की जाएगी।"
दस साल से अटका है प्रस्ताव
पाकिस्तान के पीछे हटने के सवाल पर एक अधिकारी ने कहा, 'सरकार को यह तय करना होगा कि कोई एक व्यक्ति महत्वपूर्ण है या फिर राष्ट्र का हित।' बीते 10 साल में यह चौथा मौका है, जब मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पेश किया गया है। 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र परिषद में अगले 10 दिनों में अजहर मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के प्रस्ताव पर फैसला हो सकता है। इस प्रस्ताव को लाने वाले तीनों देशों, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस, के पास परिषद में वीटो पावर है। अजहर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए पिछले 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में इस तरह का यह चौथा प्रयास है। भारत ने 2009 में अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए प्रस्ताव रखा था।