यह पहल नेशनल एक्शन प्लान का हिस्सा है। इसे पेशावर में एक स्कूल पर हुए हमले के बाद आतंकवाद, उनके कोष प्रबंधक और इन्हें मदद करने वालों को समाप्त करने के लिए इस साल के शुरू में स्वीकार किया गया था। स्कूल पर हुए हमले में 150 से ज्यादा लोग माए गए थे, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे।
स्टेट बैंक आॅफ पाकिस्तान के निर्देश पर वाणिज्यिक बैकों ने पिछले हफ्ते अपंजीकृत मदरसों के 200 से ज्यादा खातों के लेन देन पर रोक लगा दी। मजहबी मामलों के मंत्राालय द्वारा पेश किए गए नए तंत्र के तहत जब तक मदरसे खुद को पंजीकृत नहीं करा लेते हैं तब तक सभी बैंकों ने उनके नए खाते खोलना बंद कर दिया है। पाकिस्तान के आतंरिक मामले के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मदरसों ने अपने वित्त स्रोत उजागर करने या पंजीकरण करने से इनकार कर दिया है। यह नई नीति के तहत उनके खातों की निगरानी करने के हमारे काम को मुश्किल बना रहा है, जो नेशनल एक्शन प्लान का एक प्रमुख हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में एनएपी के तहत करीब 211 संदिग्ध खातों के लेन-देन पर रोक लगा दी गई है। यह खाते मदरसों से संबद्ध व्यक्तियों के हैं।मंत्रालय ने 32 अपंंजीकृत मदरसों को भी सील किया है, जिनके बारे में समझा जाता है कि वे विदेशों से आर्थिक सहायता ले रहे थे।