इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की नई सरकार ने अपने यहां से गुजरने वाले चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड पर फिर से विचार करने के संकेत दिए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार मंत्रियों और उच्च अधिकारियों की एक मीटिंग के बाद सरकार समझौतों पर फिर से बातचीत की योजना बना रही है। पुनर्विचार के पीछे कारण कारण समझौते का अनुचित रूप से चीनी कंपनियों के पक्ष में होना है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की चीन और पाकिस्तान सीपीईसी पर नीतियों में पारदर्शिता न होने को दोष दिया।
चीन विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कंग शुआंग ने इस मसले पर कहा कि चीन और पाकिस्तान सर्व-मौसम रणनीतिक साझेदार दोस्त हैं। चीन-पाकिस्तान संबंध सत्ताधारी पार्टियों और प्रशासनों के परिवर्तन को छोड़कर स्थिर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा चीन और पाकिस्तान के संबंधों का विकास तीसरे पक्ष के खिलाफ़ नहीं होगा और दूसरे देशों के साथ संबंधों के चलने से भी परिवर्तित नहीं होगा।
मलेशिया हुआ अलग
इससे पहले मलेशिया ने करीब 22 बिलियन डॉलर के चीनी प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिया हैं। वन बेल्ट, वन रोड के जरिए चीन 20 बिलियन डॉलर के सौदे वाली रेल लिंक के साथ 2.3 बिलियन डॉलर के दो एनर्जी पाइपलाइन के करार को पहले ही रद्द कर चुका है। मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कहा कि इन दोनों प्रोजेक्ट्स के लिए चीन की तरफ से जिन शर्तों का जिक्र किया गया था, वे मलेशिया के हितों के खिलाफ हैं।
क्या है वन बेल्ट, वन रोड
यह चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है जो 2013 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा शुरू की गई थी। इसे ‘सिल्क रोड इकॉनमिक बेल्ट’ और 21वीं सदी के ‘समुद्री सिल्क रोड’ के रूप में भी जाना जाता है। यह एक विकास रणनीति है जो कनेक्टिविटी पर केंद्रित है| इसके माध्यम से सड़कों, रेल, बंदरगाह, पाइपलाइनों और अन्य बुनियादी सुविधाओं को ज़मीन और समुद्र होते हुए एशिया, यूरोप और अफ्रीका से जोड़ने का विचार है। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि इसके द्वारा चीन अपना वैश्विक स्तर पर प्रभुत्व बनाना चाहता है।