पाकिस्तान की सेना ने देश के आर्थिक संकट को देखते हुए इस साल के अपने बजट में खुद कटौती करने का फैसला लिया है। पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बताया कि सेना ने आर्थिक संकट से निपटने में मदद के लिए यह फैसला लिया है। इसकी पुष्टि करते हुए पाक सेना की इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष के लिए रक्षा बजट में स्वैच्छिक कटौती सुरक्षा की कीमत पर नहीं होगी।
सेना ने कटौती को स्वैच्छिक बताया
आईएसपीआर के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने अपने ट्विट अकाउंट के माध्यम से कहा कि एक वर्ष के लिए रक्षा बजट में स्वैच्छिक कटौती सुरक्षा की कीमत पर नहीं होगी। हम सभी प्रकार के खतरों के जवाब में प्रभावशाली प्रतिक्रिया देते रहेंगे। तीनों सेवाएं उचित आंतरिक कदमों से कटौती के प्रभाव का प्रबंधन करेंगी। कबायली इलाकों और बलूचिस्तान के विकास में भागीदारी करना महत्वपूर्ण है।
इमरान खान ने पहल की तारीफ की
बजट में कितनी कटौती की जाएगी, इसकी जानकारी सेना की ओर से नहीं दी जाएगी। इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि देश की वित्तीय स्थिति के मद्देनजर पाकिस्तानी सेना ने अपने रक्षा खर्च में कटौती करके जो अभूतपूर्व स्वैच्छिक पहल की है, वह काबिलेतारीफ है। खान ने कहा कि वह इस कदम के लिए शुक्रगुजार हैं। यह कदम देश के सामने मौजूद कई सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद उठाया गया है।
फवाद चौधरी ने भी इस पहल का किया स्वागत
देश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने भी कहा कि यह कोई छोटा कदम नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल एक मजबूत सैन्य-असैन्य सहयोग ही पाकिस्तान को शासन एवं अर्थव्यवस्था की बड़ी समस्याओं से बचा सकता है।
पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को लेकर वर्ल्ड बैंक ने क्या कहा
हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की हालत अभी और बिगड़ेगी, और वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान उसकी जीडीपी में बढ़त दर गिरकर 2.7 फीसदी ही रह जाएगी। वर्ल्ड बैंक ने यह भी चेताया है कि वित्त वर्ष 2020 में महंगाई बढ़कर 13.5 फीसदी तक पहुंच सकती है।
साल 2017-18 में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में 5.8 फीसदी की बढ़त हुई थी जो कि पिछले 11 साल का शीर्ष स्तर था। विश्व बैंक के अनुसार इसके बाद के दो वर्षों में पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक वर्ल्ड बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में पाकिस्तान की जीडीपी में बढ़त महज 3.4 फीसदी रहेगी और सरकार द्वारा वित्तीय और मौद्रिक नीतियों में सख्ती बरते जाने की वजह से इसके अगले वित्त वर्ष यानी 2019-20 में ग्रोथ रेट महज 2.7 फीसदी रह जाएगी। विश्व बैंक की साउथ एशिया इकोनॉमिक फोकस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।