अपने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर अंतरराष्ट्रीय संगठन पीउ रिसर्च ने आज कहा, आतंकी संगठन तालिबान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रति समग्र रूप से आम पाकिस्तानियों का नजरिया बेहद नकारात्मक है। पीउ ने कहा कि उसका यह निष्कर्ष 2015 से पाकिस्तान में लोगों के रूख के उन आंकड़ों पर आधारित है जिन्हें पहले जारी नहीं किया गया था। पिछले साल अप्रैल में 72 फीसद पाकिस्तानियों ने तालिबान के जन संगठनों के खिलाफ अपनी राय जाहिर की थी जबकि खास तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रति नकारात्मक राय जाहिर करने वाले 60 फीसद लोग थे। पीउ ने कहा कि 53 फीसद पाकिस्तानियों ने अफगान तालिबान के प्रति नापसंदगी जताई जबकि 47 फीसद पाकिस्तानी अल-कायदा के खिलाफ थे।
यहां यह गौरतलब है कि 2008 में मुंबई पर हमला करने वाले और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधि संचालित करने वाले लश्कर-ए-तैयबा के प्रति ज्यादातर पाकिस्तानियों का कोई रूख नहीं था। यही बात आईएस के बारे में भी है, लेकिन जिन के बारे में भी विचार जाहिर किया, वह नकारात्मक था। पीउ ने कहा कि 2015 में पाकिस्तानियों को भरोसा था कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान सरकार की जंग प्रगति कर रही है। 56 फीसद लोगों का कहना था कि इसमें सरकार तरक्की कर रही है जबकि 12 फीसद पाकिस्तानियों का मानना था कि यह जंग वहीं की वहीं है। पीउ ने कहा कि एक चौथाई लोगों ने कोई राय नहीं जाहिर की जो कि पाकिस्तानियों की खासियत है।