जब बस में विस्फोट हुआ, उस समय वह सुनहरी मस्जिद रोड पर थी और नागरिक सचिवालय कर्मियों को ड्यूटी के लिए ले जा रही थी। पेशावर के एसएसपी आपरेशंस अब्बास मजीद मारवात ने बताया कि सरकारी कर्मियों को लेकर जा रही बस को निशाना बना कर किए गए विस्फोट में तीन महिलाओं समेत कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि जिस समय विस्फोट हुआ उस समय बस में करीब 50 लोग सवार थे। विस्फोट में 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। छावनी के एसपी काशिफ जुल्फीकार ने बताया कि बस में लगाए गये एक आईईडी के कारण विस्फोट हुआ। विस्फोट में करीब आठ किलोग्राम विस्फोटक इस्तेमाल किए गए थे।
घायलों को लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से अधिकतर की हालत गंभीर बताई जा रही है। आठ घायलों को आईसीयू में भर्ती कराया गया है। सुरक्षा बलों और पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और तलाश अभियान शुरू कर दिया है। विस्फोट के कारण निवासियों के बीच भय और आतंक का माहौल है। अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से खबर दी है, बस की छत उड़ गई है और घायलों को निकालने के लिए इसे काटा जा रहा है। पेशावर में कानून प्रवर्तन कर्मियों के साथ-साथ नागरिकों को निशाना बना कर पूर्व में कई हमले किए गए हैं। इस शहर में 11 कोर का भी ठिकाना है। यह पाकिस्तान सेना का प्रशासनिक कोर है जो खैबर पख्तूनख्वा में पूरी सैन्य गतिविधि का प्रबंध करता है और इस समय उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ एक अभियान में लगा हुआ है।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पेशावर में हमले की निंदा की है। उन्होंने हमले में लोगों के मारे जाने पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। शरीफ ने कहा, ‘इन कायरतापूर्ण हमलों से आतंकवाद के खिलाफ हमारा संकल्प कमजोर नहीं हो सकता है।’ पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादी ठिकानों का सफाया करने के लिए 2014 में क्षेत्रा में अपना अभियान शुरू किया था। 2014 में सेना के पब्लिक स्कूल में हमले के बाद सरकार की कार्रवाई से हमलों में कमी आई है और तालिबान क्षेत्रा के छोटे इलाके तक सीमित हो गया है। हालांकि आतंकवादी समूह अभी भी सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बना कर छिटपुट हमले करते रहते हैं।