पाकिस्तान के दि डॉन अखबार के स्तंभकार और संवाददाता सिरिल अलमीडा ने एक ट्वीट करके बताया कि उन्हें निकास नियंत्रण सूची में रखा गया है। यह पाकिस्तान सरकार की सीमा नियंत्रण की व्यवस्था है, जिसके तहत सूची में शामिल लोगों को देश छोड़ने से रोका जाता है। अलमीडा ने ट्वीट किया, उलझन में हूं, दुखी हूं। कहीं जाने का कोई इरादा नहीं था। यह मेरा घर है पाकिस्तान। इस घटना से एक सप्ताह पहले ही अलमीडा ने दि डॉन में पहले पन्ने पर पाकिस्तान के असैन्य और सैन्य नेतृत्व के बीच की दरार को लेकर खबर उजागर की थी। उन्होंने लिखा था कि इस दरार की वजह वे आतंकी समूह हैं, जो पाकिस्तान से संचालित होते हैं लेकिन भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ युद्धरत रहते हैं। अलमीडा ने 6 अक्तूबर को सूत्रों का हवाला देते हुए दि डॉन में लिखा था कि इस बैठक में असैन्य सरकार ने सैन्य नेतृत्व से कहा कि पाकिस्तान का बढ़ा अंतरराष्ट्रीय विलगाव आतंकवाद को कथित समर्थन की वजह से है।
हालांकि पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार इस खबर को अब तक तीन बार नकार चुकी है। विदेश मंत्रालय ने इस खबर को जोरदार ढंग से खारिज करते हुए इसे कयासबाजी करार दिया। सोमवार को प्रधानमंत्री शरीफ ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि वे इस मनगढ़ंत खबर को छापने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने इस उल्लंघन का कड़ा संज्ञान लिया है और निर्देश दिया है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उनकी पहचान की जानी चाहिए। अलमीदा की यह खबर उड़ी में 18 सितंबर को भारतीय सैन्य अड्डे पर हुए हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में आई थी। भारत ने 29 सितंबर को नियंत्रण रेखा के पार सात आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए थे जिसमें कई आतंकियों के मारे जाने की खबर है। वहीं भारत की ओर से किसी भी लक्षित हमले से इंकार करते हुए पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय सैनिकों की ओर से नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन में दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं।