हेलमंद के जिला पुलिस प्रमुख मोहम्मद इस्माइल ने कहा कि शुरूआती रिपोर्ट से पता चला है कि हमला गारेष्क जिले में हुआ है। उन्होंने कहा कि तालिबान ने बंदूकों के बल पर बसों और कारों को रोका। यह पता नहीं चला है कि तालिबानी लड़ाके अपहृत यात्रियों को कहां लेकर गए हैं। हालांकि आतंकवादियों ने बाद में कहा कि उन्होंने अपहृत 60 में से 33 लोगों को रिहा कर दिया है और 27 अभी भी उनके बंधक हैं। तलिबान द्वारा गर्मियों में हमले की योजनाओं के तहत हमले तेज किए गए हैं और यह अपहरण भी उसी का हिस्सा है। आतंकवादी अकसर सिविल सेवकों, या काबुल सरकार के लिए काम करने वालों को निशाना बनाते हैं।
हेलमंद के परिवहन निदेशक अब्दुल गफूर तोखी ने कहा कि आज के हमले में तालिबान ने मुख्य राजमार्ग पर कुछ बसों और 15 अन्य वाहनों को रोका तथा उनकी तलाशी ली। इससे ऐसा लगता है कि किसी व्यक्ति विशेष या कोई सामान खोज रहे थे तथा उनके पास इन वाहनों की तलाशी लेने का काफी वक्त था। हेलमंद के पुलिस प्रमुख जनरल अका नूर केंटोज ने कहा कि अफगान सुरक्षा बलों ने अपहृत यात्रियों का पता लगाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, अभी यह कहना बहुत जल्दीबाजी होगी कि हमले का शिकार हुई बसों और कारों में कितने सरकारी कर्मचारी यात्रा कर रहे थे।
तालिबान के प्रवक्ता कारी यूसुफ अहमदी ने मीडिया को एक संदेश जारी कर पुष्टि किया कि हमले के पीछे समूह का ही हाथ है। उसने कहा कि लड़ाकों ने 27 अपत यात्रियों को अब भी पकड़ रखा है जबकि अन्य को छोड़ दिया है। अहमदी ने कहा, इसकी जांच होगी और हम पता करेंगे कि उनमें से कोई सरकारी कर्मचारी है क्या। उनपर फैसला करने के लिए तालिबान न्यायिक अधिकारियों को सौंप दिया गया है। इससे पहले इसी महीने, तालिबान ने पूर्वी गजनी प्रांत में पुलिसकर्मियों और सैनिकों सहित पकड़े गए 12 लोगों की हत्या कर दी थी। पिछले महीने तालिबान से जुड़े लड़ाकों ने उत्तरी कुंदूज प्रांत में यात्रियों को बसों से उतारकर कम से कम नौ लोगों की हत्या की थी।