राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कल अल-कुद्स यूनिवर्सिटी के अत्याधुनिक आईटी सेंटर का उद्घाटन करने वाले हैं और चार संचार प्रणालियां इसका अत्यंत अहम हिस्सा हैं। इस्राइल के कस्टम विभाग ने 30 कंप्यूटरों को ले जाने की इजाजत दे दी है लेकिन संचार प्रणालियां बेन गुरियान हवाई अड्डे पर ही अटकी हुई हैं और इसकी संभावना कम ही है कि उसे आईटी सेंटर ले जाने की इजाजत मिलेगी। इस बीच, इस्राइली सूत्राें का कहना है कि संचार प्रणालियों को अल-कुद्स युनिवर्सिटी ले जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि कानून इसकी इजाजत नहीं देता। इस्राइली सूत्राें ने कहा, जिस तरह भारतीय कानून सैटेलाइट फोन ले जाने की इजाजत नहीं देते, उसी तरह संचार प्रणालियों की फ्रिक्वेंसी के साथ तकनीकी मुद्दे हैं जो उनकी कानूनी आवश्यकताओं पर खरा नहीं उतरते।
गौरतलब है कि अल-कुद्स युनिवर्सिटी में राष्ट्रपति को मानद डाक्टेट से सम्मानित किया जाना है। राष्ट्रपति पश्चिम एशिया के तीन राष्ट्रों की अपनी एेतिहासिक यात्रा के दूसरे चरण में फलस्तीन में होंगे। कल उनकी जार्डन यात्रा पूरी हुई थी। राष्टपति के अल अक्सा मस्जिद जाने के कार्यक्रम पर बहु प्रचारित इस्राइली आपत्ति के बाद यह नया विवाद सामने आया है। इस्राइल ने टेंपल माउंट या हरम अल-शरीफ के परिसर में स्थित इस्लाम के तीसरे सबसे मुकद्दस स्थल अल अक्सा मस्जिद पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसके बाद पिछले सितंबर माह से वहां झड़पें चल रही हैं और अल कुद्स युनिवर्सिटी भी इसकी जद में आ चुकी है।
ताजा जानकारी के अनुसार, एक भारतीय प्रवक्ता ने कहा है कि इस्राइल ने जो संचार उपकरण ले जाने की इजाजत नहीं दी, उनकी जगह एेसे उपकरण भेजे जाएंगे जो इस्राइल को स्वीकार्य हों।
नियमों के अनुरूप नहीं हैं कंप्यूटर प्रणालियां: इस्राइली दूतावास
इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर इस्राइल दूतावास के एक प्रवक्ता ओहद होरसांडी ने दिल्ली में कहा कि सीमा शुल्क विभाग ने कम्प्यूटरों को मंजूरी दे दी है लेकिन जो उपकरण देश के नियमन के अनुरूप नहीं हैं और उन्हें अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रवक्ता ने कहा कि जिस तरह से सेटेलाइट फोन की भारत में अनुमति नहीं है, उसी तरह से कुछ उपकरणों की इस्राइल में अनुमति नहीं है। उन्हें पता है कि कुछ उपकरण जो ले जाए गए हैं, वे नियमन के अनुरूप नहीं हैं। इस्राइली विदेश मंत्रालय और भारत के विदेश मंत्रालय को इसकी जानकारी है और इस मामले में कुछ गलतफहमी थी।