यह जानकारी नौसेना के उप प्रमुख पी. मुरूगेसन ने दी है। उन्होंने मंगलवार को ही उप प्रमुख का काम संभाला है। नागरिकों को निकालने की योजना का ब्यौरा देते हुए वाइस एडमिरल मुरूगेसन ने कहा कि नागरिकों को निकालने का काम समुद्री और हवाई मार्गों के जरिये किया जा रहा है। इस अभियान में भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और एयर इंडिया जैसी कई एजेंसियां शामिल होने जा रही हैं। नौसेना ने भारतीयों को यमन से निकालने और वापस लाने के लिए दो यात्री पोतों सहित अपने विध्वंसक आईएनएस मुंबई और स्टेल्थ फ्रिगेट आईएनएस तरकश को भेजा है।
मुरूगेसन ने कहा, भारतीय नौसेना के जहाज लोगों को निकालेंगे तथा अभियान के लिए तैनात विभिन्न साधनों को जलदस्यु रोधी सेवाएं भी उपलब्ध कराएंगे। आईएनएस मुंबई के चालक दल के सदस्यों की संख्या 350 है, जबकि आईएनएस तरकश के चालक दल के सदस्यों की संख्या करीब 250 है।
इस बीच, हाल में नौसेना के एक समुद्री निगरानी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बारे में पूछे जाने पर मुरूगेसन ने कहा कि डोर्नियर एक प्रत्यक्ष लड़ाकू प्रशिक्षण मिशन पर था। उन्होंने कहा, यह अंधेरी रात थी, अमावस्या के एक या दो दिन बाद और यह संभावित युद्ध परिस्थितियों में एक प्रशिक्षण अभियान था। जब चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रशिक्षण हो, आखिरकार हम सभी मानव हैं, निश्चित तौर पर...मशीनरी भी फेल हो सकती है। नौसेना उप्र प्रमुख ने कहा कि हालांकि बोर्ड ऑफ इंक्वायरी की जांच चल रही है और रिपोर्ट आने के बाद ही हम हादसे के सही कारणों के बारे में जान पाएंगे।