पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा तथा विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने मुंबई हमलों के साजिशकर्ता जकी-उर-लखवी को अदालत से रिहा किए जाने पर भारत की प्रतिक्रिया को बेतुका करार दिया है। लेकिन साथ ही उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि इस मसले पर प्रस्तावित द्विपक्षीय वार्ता प्रभावित नहीं होगी। अजीज ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान भारत के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि लखवी को जेल में रखना सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान गंभीर प्रयास नहीं कर रहा है।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा लखवी को रिहा करने के आदेश पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी जिसे अजीज ने बेतुका करार दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की न्यायपालिका स्वतंत्र है और वह स्वतंत्र रूप से काम करती है लेकिन हमें उम्मीद करनी चाहिए कि अदालत के इस फैसले का शांति वार्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
लखवी एवं छह अन्य लोगों –अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहित जमील रियाज, जमील अहमद तथा यूनुस अंजुम पर नवंबर 2008 में मुंबई में हमला करने की साजिश और उसे अंजाम देने का आरोप है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे। लखवी को लश्कर-ए-तैयबा तथा जमात-उद दावा प्रमुख हाफिज सईद का करीबी माना जाता है। मुंबई हमले के मामले से जुड़े छह आरोपियों को नवंबर 2008 में गिरफ्तार किया गया था जिनकी निशानदेही पर अगले ही महीने दिसंबर 2008 में लखवी को गिरफ्तार किया गया। अदालत से रिहाई के फैसले से खफा भारत ने दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज किया था और कहा था कि इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।