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ओमिक्रोन को हल्के में ना ले ऐसे लोग, पड़ सकती है खतरे में जान, डब्ल्यूएचओ की चेतावनी

दुनियां में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट को कई लोग हल्के में ले रहे हैं, लेकिन आपकी...
ओमिक्रोन को हल्के में ना ले ऐसे लोग, पड़ सकती है खतरे में जान, डब्ल्यूएचओ की चेतावनी

दुनियां में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट को कई लोग हल्के में ले रहे हैं, लेकिन आपकी यह गलती कहीं आपकी जान की दुश्मन ना बन जाए इसका खास ध्यान रखना होगा। इसे लेकर डब्ल्यूएचओ बार-बार लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है। बुधवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम ने ओमिक्रोन के खतरे के बारे में लोगों को अलर्ट किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का ओमिक्रोन संस्करण बेहद खतरनाक है, खासकर जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी हैं उनके लिए।

टेड्रोस ने कहा कि ओमिक्रोन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम गंभीर है, लेकिन इसके बावजूद यह वायरस काफी खतरनाक है। खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगावाई है इसलिए हमें इस संक्रमण को खुले में नहीं घुमने देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अफ्रीका में 85 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को अभी तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लग पाई है। हम इस महामारी को तब तक खत्म नहीं कर सकते जब तक हम वैक्सीन के इस अंतर को दूर नहीं कर लेते।

टेड्रोस ने कहा कि टीका कोरोना के गंभीर मामलों और मौत से बचाता है, लेकिन यह संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए कारगर साबित नहीं है। अधिक ट्रांसमिशन का अर्थ है अस्पतालों में अधिक भर्ती, अधिक मौतें, अधिक लोगों का काम पर ना आ पाना जैसे कि शिक्षक और स्वास्थ्यकर्मी।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा यह ही नहीं अभी तो और भी कोरोना के संस्करण देखने को मिलेंगे। जो ओमिक्रोन से भी ज्यादा रफ्तार से फैल सकते हैं और ज्यादा जानलेवा साबित हो सकते हैं।

टेड्रोस ने कहा कि दुनिया में प्रति सप्ताह लगभग 50 हजार कोरोना से मौत की संख्या आंकी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस वायरस के साथ जीना सीखने का मतलब यह नहीं है कि हम इतनी मौतों को स्वीकार करना शुरू कर दें।

 

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