सुगौली संधि समारोह के आयोजक अनुरंजन झा के मुताबिक ऐतिहासिक संदर्भ को लेकर गांव-गंाव में साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाए जाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होने कहा कि इस तरह का आयोजन आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा। भारत और नेपाल के बीच हुई यह संधि कई मायनों में ऐतिहासिक है। दोनों देशों में खान-पान, रहन-सहन और वेष-भूषा के स्तर पर काफी समानता रही है और दोनों का जुड़ाव भावनात्मक स्तर पर रहा है। दोनों के बीच हुई एक ऐसी वार्ता, एक ऐसी संधि जिससे दोनों देशों की सीमा रेखा तय हुई हो तो उस दिन को ऐतिहासिक बनाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
दो दिन तक चले इस समारोह में सुगौली, सुगौली संधि, सुगौली के इतिहास और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सुगौली की भूमिका पर परिचर्चाओं का आयोजन हुआ । इस अवसर पर "सुगौली संधि स्मारिका" और सुगौली के ही रचनाकार और स्वतंत्रता सेनानी रहे स्व० श्री रमेशचन्द्र झा की लिखी किताब "स्वाधीनता समर में सुगौली" का लोकार्पण विशिष्ट अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पूर्व सांसद साबिर अली, वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।