पाँच दशकों से भी अधिक समय से वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स लिमिटेड की टीम भारत की कृषि-क्रांति के अग्रदूत के रूप में काम कर रही है। 1967 में स्थापित यह कंपनी सबसे पहले छोटे किसानों के लिए पॉवर टिलर लेकर आई, जो उनके लिए सबसे उपयुक्त समाधान था। 1985 में 4WD कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर बनाकर, वीएसटी भारत की पहली कंपनी बनी जिसने छोटे और कॉम्पैक्ट ट्रैक्टरों के माध्यम से बागवानी और इंटरकल्चर खेती का यंत्रीकरण किया।
आज वीएसटी, 40 से अधिक देशों में ट्रैक्टर, पॉवर टिलर, इंजन, रीपर, प्रिसिशन कम्पोनेंट और कृषि उपकरणों की व्यापक श्रृंखला के साथ भारतीय किसानों के साथ-साथ, विश्व के बड़े किसानों को भी स्मार्ट, टिकाऊ और किफ़ायती समाधान उपलब्ध करा रहा है।
कृषि क्षेत्र में तेजी से आते बदलाव में नई उपकरणों की ज़रूरतों को पूरा करने की अगुवाई कर रहे हैं कंपनी के सीईओ, श्री एंटनी चेरुकारा। उनका मिशन है—नवीनतम, किफ़ायती और भविष्य के लिए तैयार समाधान के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाना। उनका मानना है कि वैश्विक नवाचार को भारतीय खेत-खलिहान तक पहुँचाकर मशीनीकरण को किसानों की ताक़त और आत्मनिर्भरता का साधन बनाया जा सकता है।
प्रस्तुत है उनसे बातचीत के कुछ अंश—
कॉम्पैक्ट मशीनीकरण भारत के लिए क्यों ज़रूरी है?
भारत के 85% से अधिक किसान दो एकड़ से कम ज़मीन पर खेती करते हैं। बड़े ट्रैक्टर उनके लिए न तो व्यवहारिक हैं और न ही आर्थिक रूप से संभव। ऐसे में कॉम्पैक्ट मशीनें छोटे खेत, असमान ज़मीन और संकरी मेड़ों पर आसानी से काम करती हैं। ये समय पर कृषि कार्य पूरा करती हैं, मज़दूरी पर निर्भरता घटाती हैं, उत्पादन बढ़ाती हैं और स्थायी खेती को संभव बनाती हैं।
छोटे किसानों के लिए वीएसटी की मशीनें क्यों उपयुक्त हैं?
हमारी मशीनें फ्रुगल इंजीनियरिंग—यानी कम लागत, कम ईंधन खर्च और आसान रखरखाव—के सिद्धांत पर बनी हैं। इन्हें मॉड्यूलर ढंग से डिज़ाइन किया गया है ताकि एक ही ट्रैक्टर या टिलर पर कई अटैचमेंट लगाकर अलग-अलग फसलों की ज़रूरत पूरी की जा सके। धान, गन्ना, बागवानी या हॉर्टिकल्चर—हर ज़रूरत के लिए हल्की लेकिन ताक़तवर मशीनें किसानों और खेत की मिट्टी दोनों के लिए लाभदायी हैं।
वीएसटी आगे आने वाले समय में और क्या नए उपकरण विकसित कर रही है?
कंपनी स्मार्ट और इलेक्ट्रिक कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर, टिलर और वीडर विकसित कर रही है और पहले से ही अमेरिका की अग्रणी कृषि कंपनी को ड्राइवट्रेन सप्लाई कर रही है। वैश्विक सहयोगों से अत्याधुनिक तकनीक को भारतीय किसानों तक सुलभ और किफ़ायती बनाया जा रहा है। ZETOR ब्रांड के साथ हमारा जॉइंट वेंचर उच्च हॉर्सपावर विशेषज्ञता भारत में ला रहा है। हमारा लक्ष्य सिर्फ़ ट्रेंड का पालन करना नहीं, बल्कि नई तकनीक को किसानों की ज़रूरत के अनुसार स्थापित करना है। हम भविष्य में भी ऐसे नए उपकरण विकसित करते रहेंगे जिनसे छोटे और सीमांत किसानों को खेती एक लाभदायक व्यवसाय बनाने में मदद मिले।
स्थिरता और पर्यावरणीय प्रभाव पर कॉम्पैक्ट मशीनीकरण कैसे काम करता है?
हमारे लिए कृषि स्थिरता कोई ट्रेंड नहीं, बल्कि डिज़ाइन की मूल सोच है। हमारी मशीनें कम ईंधन खपत करती हैं, कम प्रदूषण फैलाती हैं और मिट्टी को संरक्षित रखती हैं। लो-टिल खेती को बढ़ावा देकर ये मिट्टी की सेहत सुधारती हैं और कार्बन उत्सर्जन घटाती हैं। पानी, बीज और उर्वरक की बचत में भी इनकी बड़ी भूमिका है। हमारे उत्पादन संयंत्र भी SDG लक्ष्यों के अनुरूप हैं।
बढ़ती मज़दूरी लागत और पलायन—क्या आपको लगता है कॉम्पैक्ट मशीनीकरण उसका समाधान है?
हाँ, कॉम्पैक्ट मशीनीकरण इसका व्यावहारिक समाधान है। जैसे-जैसे मज़दूर महंगे और दुर्लभ हो रहे हैं, हमारी मशीनें किसानों को समय पर खेती करने में मदद करती हैं। इनकी कम क़ीमत और बहुउपयोगी अटैचमेंट किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का साधन हैं। यह श्रमिकों के प्रतिस्थापन का नहीं, बल्कि किसानों को सशक्त बनाने का रास्ता है।
वीएसटी के ट्रैक्टर यूरोप भी जाते हैं। आप वैश्विक गुणवत्ता को स्थानीय ज़रूरतों के साथ कैसे संतुलित करते हैं?
हमारे FIELDTRAC ट्रैक्टर यूरोप के कड़े सुरक्षा और उत्सर्जन मानकों का पालन करते हैं। फिर भी हमारी जड़ें भारतीय किसान से जुड़ी हैं। केरल के धान के खेत, महाराष्ट्र की काली मिट्टी, उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्र या अंगूर-बाग़—हर परिस्थिति को ध्यान में रखकर ही वीएसटी के उपकरण और ट्रैक्टर बनाए जाते हैं।
वीएसटी का निर्माण और अनुसंधान दृष्टिकोण क्या है?
वीएसटी के होसुर और मालुर में अत्याधुनिक प्लांट्स और मैसूर में प्रिसिशन कम्पोनेंट यूनिट स्थापित हैं। पर हमारी असली ताक़त है ‘फार्मर-फर्स्ट फिलॉसफ़ी’। हमारी R&D टीमें खेत में जाकर किसानों के साथ मिलकर समाधान विकसित करती हैं। साथ ही हम होसुर में एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर स्थापित कर रहे हैं, जहाँ विकसित देशों की तकनीक के आधार पर भारत के किसानों के लिए उपकरण तैयार किए जाएँगे।
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में डीलर लाभप्रदता आप कैसे सुनिश्चित करते हैं?
वीएसटी पुल-बेस्ड अप्रोच अपनाता है। हम वीएसटी डीलरों पर बिना बिके स्टॉक का बोझ नहीं डालते। इसके बजाय किसानों को शिक्षित कर, मशीनों के फ़ायदे दिखाकर माँग उत्पन्न करते हैं। “हमारा मक़सद सिर्फ़ डीलरों को सामान बेचकर संख्या बढ़ाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हमारी मशीनें सचमुच किसानों तक पहुँचें और खेतों में उपयोग हों। इसी से सभी के लिए लंबे समय तक फ़ायदा देने वाला तंत्र बनता है।”
भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
मेरा मानना है कि जब तक कृषि विकसित नहीं होगी, तब तक विकसित भारत का सपना अधूरा रहेगा। मशीनीकरण को लोकतांत्रिक, समावेशी, किफ़ायती और टिकाऊ बनाना होगा। कॉम्पैक्ट मशीनें इसी दृष्टि का प्रतीक हैं—ये हर किसान को उसकी पहुँच के अनुसार, गरिमा और कार्यकुशलता प्रदान करती हैं। वीएसटी में हम सिर्फ़ मशीनें नहीं बनाते, हमारी कोशिश है छोटे किसानों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाना।
निष्कर्ष
जलवायु परिवर्तन, मज़दूरी संकट और बढ़ती लागत के बीच वीएसटी का कॉम्पैक्ट मशीनीकरण छोटे किसानों के लिए सबसे उपयुक्त समाधान बनकर उभर रहा है। स्थानीय अनुभव और वैश्विक नवाचार को मिलाकर वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स न केवल समय के साथ चल रहा है, बल्कि भारतीय कृषि के भविष्य को भी गढ़ रहा है।
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