अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए देशभर के 15 राज्यों में हुए अपनी-अपनी पार्टी के प्राइमरी चुनावों में जीत हासिल करने में कामयाब रहे, जिससे इस साल नवंबर में दोनों नेताओं के बीच एक बार फिर से आमना-सामना होने का मार्ग प्रशस्त होता प्रतीत हो रहा है। साथ ही भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली पर अपनी दावेदारी को छोड़ने का दबाव बढ़ गया है।
राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से बाइडन और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से ट्रंप को प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
‘सुपर ट्यूजडे’ के चुनाव परिणामों के बाद 77 वर्षीय ट्रंप को डेलिगेट्स (मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्टी सदस्य) की गणना में अहम बढ़त मिलने की उम्मीद है। एक बार फिर से राष्ट्रपति पद पर काबिज होने की इच्छा रख रहे बाइडन (81) लगभग सभी डेमोक्रेट प्राइमरी राज्यों में जीत हासिल करने में कामयाब रहे। बाइडन को अमेरिकी सामोआ में जेसन पामर के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा।
सीएनएन की खबर के मुताबिक, ”जो बाइडन को प्राइमरी चुनाव में किसी मुश्किल चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा और उन्होंने अभी तक सभी डेमोक्रेट प्राइमरी चुनावों में जीत हासिल की।” सीएनएन ने उम्मीद जताई है कि बाइडन और ट्रंप के बीच नवंबर में एक बार फिर से आमना-सामना होने की उम्मीद है।
संयुक्त राष्ट्र (संरा) में अमेरिका की पूर्व राजदूत 52 वर्षीय निक्की हेली वर्मोंट में भारी समर्थन मिलने के बावजूद कोई बड़ी छाप छोड़ने में नाकाम रहीं। हेली ने वर्मोंट प्राइमरी में जीत हासिल की थी। हेली की जीत से हालांकि ट्रंप पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी हासिल करने के लिए दोनों उम्मीदवारों को 1215 डेलीगेट्स की जरूरत है, जिन्हें प्राइमरी के दौरान निर्वाचित किया गया था। ‘सुपर ट्यूजडे’ से पहले ट्रंप के खाते में 244 और हेली के खाते में सिर्फ 43 डेलीगेट्स थे।