अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर वह एक बार फिर देश के शीर्ष पद पर निर्वाचित होते हैं तो महिलाओं के लिए आईवीएफ (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) पद्धति से गर्भधारण की प्रक्रिया को मुफ्त बनाएंगे।
हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं बताया कि उनकी यह योजना किस तरह से काम करेगी और इसका वित्त पोषण कैसे किया जाएगा।
मिशिगन में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा, “मैं आज एक अहम घोषणा कर रहा हूं कि ट्रंप प्रशासन के तहत, आपकी सरकार या फिर आपकी बीमा कंपनी आईवीएफ पद्धति से जुड़े सभी खर्च का भुगतान करेगी। सही मायने में कहूं तो यह इसलिए क्योंकि हम ज्यादा बच्चे चाहते हैं।”
आईवीएफ पद्धति के तहत शुक्राणु और अंडाणु के बीच निषेचन की प्रक्रिया को प्रयोगशाला में किया जाता है और इससे तैयार भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रतिरोपित किया जाता है। यह पद्धति बेहद महंगी होती है। आईवीएफ पद्धति की सफलता की कोई गारंटी भी नहीं होती। मां बनने की इच्छुक कई महिलाओं को गर्भधारण के लिए एक से अधिक बार इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
नवंबर में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब वह उच्चतम न्यायालय के उन न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर डेमोक्रेटिक नेताओं के निशाने पर हैं, जिन्होंने अमेरिका में महिलाओं को हासिल गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को खत्म करने वाला फैसला सुनाया था।
ट्रंप इस मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में आ गए हैं और खुद को “महिलाओं के प्रजनन अधिकार के मजबूत पैरोकार” के रूप में पेश कर रहे हैं।
कार्यक्रम से पहले ‘एनबीसी’ के साथ एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि वह फ्लोरिडा में गर्भपात के लिए छह सप्ताह की सीमा तय करने के फैसले के खिलाफ मतदान करेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि छह सप्ताह की अवधि बेहद कम है। इसके लिए ज्यादा समय मिलना चाहिए। मैं इस बात के पक्ष में मतदान करूंगा कि हमें छह सप्ताह से ज्यादा समय दिए जाने की जरूरत है।” ट्रंप ने इससे पहले उक्त कानून पर दस्तखत करने के फ्लोरिडा के रिपब्लिकन गवर्नर रॉन डिसैंटिस के निर्णय को “भयानक गलती” करार दिया था।