Advertisement

पूरे विश्व के हैं बंसी कौल

बंसी कौल ने कला जगत में कई बिरवे रौंपे। ये रौंपे अब वृक्ष बन कर लहलहा रहे हैं। अभिनय की नाल से निकले हजारों खिले हुए कमलों ने उनका नाम रोशन कर दिए। उन्हीं बंसी कौल के रंगकर्म पर हुआ अनूठा कार्यक्रम।
पूरे विश्व के हैं बंसी कौल

अभिनव रंगमंडल का जज्बा ही है जो बिन किसी मदद के एक महत्वपूर्ण और शानदार कार्यक्रम को अंजाम दे दिया। कला ही नहीं लोक रूप और उनमें बसी आत्मा को भी बंसी कौल ने पुनर्जीवित किया है।

एक महत्वपूर्ण रंगकर्मी बंसी कौल पर उज्जैन के अभिनव रंगमंडल ने रंग बंसी राष्ट्रीय समारोह आजोजित किया। रंगकर्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम करने वाले बंसी कौल के नाटकों को देखना, उनसे मिलना और उनके बारे में दूसरे महानुभावों के विचारों को सुनना इंदौर के दर्शकों के लिए नया और अलग तरह का अनुभव था।

कई लोगों को कला के प्रति प्रेरित करने वाले बंसी कौल पर कई लोगों ने विचार व्यक्त किए। अपने अध्यक्षीय भाषण में अशोक वाजपेयी ने कहा, जिन गैर हिंदी भाषियों ने मध्यप्रदेश में रंगकर्म को लेकर क्रांतिकारी काम किया उनमें हबीब तनवीर, ब. व.  कारंत और बंसी कौल शामिल हैं। उन्होंने बड़े पैमाने पर युवाओं को जोड़कर सामाजिक कल्याण  का काम किया है। यह काम उन्होंने बिना थके किया और हम सब जानते हैं कि उन्हें वह नहीं मिला जिसके वह हकदार थे।

यह अभिनव रंग मंडल के कार्यक्रम की सफलता ही है कि सभी नाटकों में दर्शकों की भरपूर आमद रही। ख्यात अभिनेता ओम पुरी मुख्य अतिथि रहे। ओम पुरी ने बंसी कौल के कई शहरों में घूमने की यादें साझा कीं। उन्होंने कहा कि वह इतनी जगह घूमें हैं कि किसी एक शहर के नहीं रह गए। वह विश्व नागरिक बन गए हैं। ओम पुरी का भी मानना है कि मंच से ज्यादा परदे पर सिक्के बरसते हैं। शायद तभी वह कह पाए कि अगर बंसी कौल चाहते तो फिल्मों में जाकर अरबपति बन जाते पर उन्होंने सरोकार का रास्ता चुना। हमने समझौता कर  लिया पर बंसी ने नहीं।  

विशेष अतिथि के रूप में प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली ने कहा कि मैंने उनके नाटक देखे हैं। मैं उन्हें प्रणाम करती हूं। अपने सम्मान के प्रति उत्तर में बड़े ही विनम्र भाव से बंसी कौल ने कहा कि यह मेरा नहीं बल्कि नाटकों के दर्शकों का भी सम्मान है क्योंकि बिना दर्शकों के कला और कलाकार जीवित नहीं रह सकते।

बंसी कौल को अभिनव सम्मान प्रदान किया गया। छह दिवसीय रंग सम्मान में बंसी कौल के चार नाटक मंचित किए गए। स्टैंडिंग ओवेशन यानी खड़े हो कर दर्शकों का ताली बजाना एक दुर्लभ क्षण होता है। उनके नाटकों का दम था कि देर तक उनके सम्मान में दर्शक खड़े हो कर ताली बजाते रहे। इस अवसर पर शरद शर्मा द्वारा निर्देशित कोर्ट मार्शल का 94 वां प्रदर्शन किया गया। संचालन किया रंगमंडल प्रमुख शरद शर्मा ने, आभार माना विकास सिंह ने। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad