कार्यक्रम में मशहूर शायर पंडित आनंद मोहन जुत्शी (गुलजार देहलवी ) को "चिराग-ए-तहजीब" से और हरियाणा की ऋतु सैनी को "चिराग-ए-समाज" से सम्मानित किया गया! ऋतू सैनी एसिड हमले की पीड़िता है और इस तरह के हमलों को रोकने के लिए मुहिम चला रही है। बुलंदशहर के कसेर गांव में छोटा ताज महल बनाने वाले रिटायर्ड पोस्टमैन फैजुल हसन कादरी को "चिराग-ए-बरन" सम्मान से नवाजा गया। फैजुल हसन कादरी ने 1948 में एएमयू के सिटी स्कूल में 7वीं कक्षा में प्रवेश लिया था।
कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देने वाले लखनऊ ईदगाह के शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी मेहली को "चिराग-ए-तालीम" अवॉर्ड से सम्मानित किया गया! मौलाना खालिद रशीद के दूत मौलाना मोहम्मद मुश्ताक ने अवॉर्ड लिया। इस अवसर पर पत्रकारिता में अपना योगदान देने के लिए अजाज बरनी को सम्मानित किया हालांकि तबियत नासाज होने के चलते अजीज बरनी स्वयं अलीगढ़ नहीं आ सके।
मेहमानों का स्वागत एएमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉक्टर आजम मीर खान ने किया। इस मौके पर छात्र नेता अबु फरहा शाजली, लियाकत खान, सय्यद माजिन हुसैन जैदी ने अपना भाषण दिया। साथ ही साबिर राही, प्रोफेसर मोहम्मद शमीम अहमद, मोहतरमा रूही जुबैरी, मौलाना इस्लाही ने भी अपना भाषण दिया।
इस अवसर पर एएमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी अहमद कलीम शब्बू, डॉक्टर नूरुल अमीन, प्रोफेसर शबाहत हुसैन, प्रोफेसर अनीस अहमद, डॉक्टर मुहिब-उल-हक, एएमयू कोर्ट मेंबर खुर्शीद अमहद, सय्यद सिप्तैन नकवी, सलमान साबिर, मुज्जन खां, अच्छन खान, कलीम त्यागी, हाफिज साबिर, असद फैसल, छात्र नेता आफाक अहमद, मुबश्शिर जमाल, आज़म खान, आदिल रईस, सद्दाम हुसैन, हैदर खान, आमिर मिंटों, मोहम्मद हंजला, जाकिर फानी, मुराद खान, शीजान खां आदि मौजूद रहे।
बरनी फाउंडेशन के अध्यक्ष शहज़ाद आलम बरनी ने कहा कि सर सय्यद के मिशन को पूरा करने की ये कोशिश हमने पिछले साल शुरू की थी जो आगे भी जारी रहेगी!