इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में हजारे ने कहा कि शास्त्री जी ने पहली बार जय जवान जय किसान का नारा दिया। जिससे जवानों में भी जोश पैदा हुआ और किसानों में भी। लेकिन आज यह नारा विलुप्त होता जा रहा है। अण्णा ने कहा कि यह पुस्तक युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
इस अवसर पर अनिल शास्त्री ने अपने पुराने अनुभवों को भी साझा किया और कहा कि शास्त्री जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की यह शुरूआत है। आने वाले दिनों में पुस्तक के कई भाषाओं में संस्करणों का प्रकाशन होगा। पवन चौधरी ने पुस्तक में शास्त्री जी के जीवन की कहानियों पर अपनी राय व्यक्त की है।