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ताज महल का झाड़फानूस गिरा

विश्व के सात अजूबों में शामिल ताज महल के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगा ब्रिटिश काल का 60 किलोग्राम वजन का एक झाड़फानूस हाल में गिर गया और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है।
ताज महल का झाड़फानूस गिरा

सूत्रों ने बताया कि छह फुट उंचे और चार फुट चौड़े इस झाड़फानूस को लॉर्ड कर्जन ने भेंट किया था और इसे 1905 में ताज महल के शाही द्वार पर लगाया गया था।

 

उन्होंने बताया कि इस संबंध में एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद भुवन विक्रम के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी गई है। इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है कि झाड़फानूस किस वजह से गिरा लेकिन सूत्रों ने बताया कि संभवत: पुराना हो जाने के कारण वह गिर गया।

 

एक टूरिस्ट गाइड वेद गौतम ने कहा, सौभाग्य की बात है कि उस समय कोई वहां आस-पास नहीं था, अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता था। आगरा के एएसआई प्रमुख भुवन विक्रम सिंह ने पिछले गुरुवार को कहा था कि झाड़फानूस की अच्छी तरह से जांच करने और उसकी मौजूदा स्थिति को देखने के बाद ही उसे फिर से लगाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

 

इस बीच कुछ टूरिस्ट गाइड ने एएसआई अधिकारियों पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है और स्मारक की कलाकृतियों की देख-रेख में उनकी विशेषज्ञता पर सवाल उठाया है।

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