यह किताब इमरान हाशमी के चार साल के बेटे अयान के किडनी के कैंसर से जूझने और उससे उबरने की कहानी है। इस किताब को इमरान और उनके दोस्त बिलाल सिद्दकी ने मिल कर लिखा है। कैंसर के इलाज के दौरान हाशमी और उनकी पत्नी ने जो कुछ सहन किया उस संघर्ष की दास्तां इस किताब में है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, यह किताब लिखने के लिए मैं इमरान और बिलाल को बधाई देना चाहता हूं। मैंने अभी तक यह किताब पढ़ी नहीं है लेकिन अब तक जो कुछ मैंने सुना है मुझे लगता है इमरान से बड़ा सुपरस्टार उनका बेटा है। उन्होंने इस बात की सराहना की कि इमरान हाशमी ने अपने संघर्ष को लिखा ताकि जो लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं या जूझ रहे हैं उन्हें संबल मिले। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि हर किसी को यह किताब पढ़नी चाहिए, क्योंकि यह महज कैंसर के बारे में नहीं है। हमारे जीवन में ऐसे कई पल आते हैं जब हमें बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है। अगर उम्मीद का साथ हो तो यह और बेहतर हो जाएगा।