लंबे समय से बीमार चल रहे 56 वर्षीय तैलंग ने शनिवार को अपने निवास पर अंतिम सांसे लीं। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है। उनका अंतिम संस्कार रविवार अपराह्न दो बजे लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में किया जाएगा। तैलंग का जन्म 26 फरवरी, 1960 को राजस्थान के बीकानेर में हुआ था और वहीं से उन्होंने अपनी पढाई लिखाई की। उन्होंने अंग्रेजी में एम.ए किया था। तैलंग का पहला कार्टून 1970 में 10 साल की उम्र में एक अखबार में छपा था। वह बचपन में टिनटिन फैंटम और ब्लॉंडी जैसी कॉमिक पत्रिकाओं से प्रभावित थे और कार्टून बनाने के लिए इन्हीं से प्रेरित हुए।
बतौर कार्टूनिस्ट उन्हें 1982 में मुंबई के इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया में पहली बड़ी नौकरी मिली। साल 1983 में तैलंग ने नवभारत टाइम्स, दिल्ली में काम शुरू किया। वह कई साल तक हिंदुस्तान टाइम्स से जुड़े रहे और इंडियन एक्सप्रेस तथा टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए भी काम किया। बाद में उन्होंने एशियन एज के लिए काम किया। राजनीतिक नेताओं पर बनाए गए उनके कार्टून देशभर में लोगों को आकर्षित करते रहे। कार्टून के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2004 में पद्मश्री से अलंकृत किया गया था। तैलंग कुछ साल इंडियन एक्सप्रेस में भी रहे।
साल 2009 में उनकी कार्टून पुस्तिका नो, प्राइम मिनिस्टर प्रकाशित हुई जिसमें प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल के दौरान बनाए गए उनके कार्टूनों का संग्रह है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मशहूर कार्टूनिस्ट के निधन पर शोक प्रकट किया। एआईसीसी ने ट्वीट किया, उनके असमय निधन से दुखी सोनिया गांधी ने कहा कि कार्टूनों के माध्यम से समकालीन घटनाक्रमों के उनके चित्रण और कलात्मक अभिव्यक्ति के अधिकार के प्रति उनकी निडर प्रतिबद्धता को हमेशा याद रखा जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी तैलंग के निधन पर शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया, कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग के बारे में खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उनके व्यंग्य और हास्यबोध का बड़ा प्रशंसक रहा हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले। वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी तैलंग को याद करते हुए कहा कि वह जीवन और हास्य से भरे एक अद्भुत कलाकार थे जिन्हें उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। तैलंग को याद करते हुए आडवाणी ने कहा कि वह हमारे समय के सबसे प्रतिष्ठित और जानेमाने कार्टूनिस्टों में से एक थे।