माधव जोशी पेशे से कार्टूनिस्ट हैं। उनका पहला ही उपन्यास ही बेस्ट सेलर रहा। मराठी भाषा में लिखा गया यह उन्यास, एक पिता की आत्मकथा नाम से आया और पाठकों ने इसे हाथों हाथ लिया। उनकी कार्टून की धार बहुत ही पैनी और सटीक होती है। इसके विपरीत उनकी रचनाएं मानवीय संवेदनाओं के साथ-साथ रिश्तों की अलग परिभाषा गढ़ती है।