अपनी कविताओं की पृष्ठभूमि का चित्रण करते हुए विभोर ने कहा कि कविता मुझे मनचाही जगह उपलब्ध कराती है। जहां मैं साफगोई से अभिव्यक्त होता हूं। वह मेरा आत्मीय किनारा है, जो मुझे राहत देता है।
सुपरिचित कवि हेमंत देवलेकर ने कहा, विभोर की कविताओं में अपने आसपास की स्थितियां और हालात उभर कर आते हैं। कविता पाठ के बाद वरिष्ठ और युवा कवियों तथा कलाकारों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विभोर के रचनाकर्म को संभावनाओं से परिपूर्ण बताया। रंगकर्मी सौरभ अनंत ने आभार ज्ञापित किया।