वर्ष 1950 के बाद से रजा फ्रांस में रहने लगे थे मगर वह लगातार अपने देश भारत से जुड़ रहे थे। उनके बनाए प्रमुख चित्र अधिकतर तेल या एक्रेलिक में बने परिदृश्य हैं जिनमे रंगों का अत्यधिक प्रयोग किया गया है, व जो भारतीय ब्रह्माण्ड विज्ञान के साथ-साथ इसके दर्शन के चिह्नों से भी परिपूर्ण हैं। भारत सरकार ने 1981 में उन्हें पद्मश्री और वर्ष 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। 10 जून 2010 को वे तब भारत के सबसे महंगे आधुनिक कलाकार बन गए जब क्रिस्टी की नीलामी में 88 वर्षीय रज़ा का 'सौराष्ट्र' नामक एक सृजनात्मक चित्र 16.42 करोड़ रुपयों (34,86,965 डॉलर) में बिका।
आउटलुक के प्रधान संपादक आलोक मेहता ने चंद वर्ष पहले पेरिस में ही उनका साक्षात्कार लिया है था जिसे पाठक नीचे देख सकते हैं।