कुछ मुटठी भर लोगों ने यह मुहिम शुरू की थी। आज इस मांग को लेकर हजारों लोग साथ आ गए हैं। इस पर बात किए जाने पर मशहूर गायक मिलन सिंह कहती हैं ’12-13 साल हो गए। हर विभाग और हर सरकार को हम इस बारे में लिख चुके हैं, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। रफी साहब को महज पदमश्री देकर टरका दिया गया। इसलिए हमने सोचा कि लोग दिल्ली जाएंगे।’ मिलन सिंह का कहना है कि पदमश्री तो सैफ अली खान को भी मिल चुका है, तो क्या हम रफी साहब की तुलना सैफ अली खान के साथ कर सकते हैं क्या?
मिलन सिंह का कहना है कि रफी साहब की आवाज का जादू ऐसा है कि वह और अन्य गायक जब भी विदेशो में शो करने जाते हैं तो श्रोताओं की मांग रफी साहब के गीत सुनने की ही होती है। यहां तक कि रफी साहब की आवाज ने कुछ नायकों को नायक बनाया, जैसे राजेंद्र कुमार, जितेंद्र, धर्मेंद्र, शशि कपूर आदि। जब उन लोगों को पद्श्री, पदमभूषण दिया जा सकता है जो रफी साहब के नजदीक कद के भी नहीं थे तो रफी साहब को भारत रत्न क्यों नहीं, जबकि वह विश्व की आवाज हैं।
रफी साहब की आवाज का जादू आज भी कायम है। उनकी आवाज ने कई गायकों को प्रेरित किया। इनमें सोनू निगम, मोहम्मद अजीज, उदित नारायण का नाम उल्लेखनीय है। अब तो इन सभी की अपनी अलग पहचान भी बन चुकी है। वर्ष 1940 के आरंभ से लेकर 1980 तक उन्होने कुल 26,000 गीत गाए। इनमें मुख्य धारा हिंदी गीतों के अतिरिक्त गजल, भजन, देशभक्ति गीत, कव्वाली और अन्य भाषाओं में गाए गीत शामिल हैं। जिन अभिनेताओं पर उनके गाने फिल्माए गए उनमें गुरू दत्त, दिलीप कुमार,देव आनंद, भारत भूषण, जॉनी वॉकर, जॉय मुखर्जी, शम्मी कपूर, राजेंद्र कुमार, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन,धर्मेंद्र, जीतेंद्र, रिशी कपूर के अलावा गायक अभिनेता किशोरकुमार का नाम शामिल है।