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दिल्ली में पूर्वोत्तर का नृत्य-संगीत

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि पूर्वोत्तर भारत के राज्य देश के खास हिस्से हैं। अपनी छोटी आबादी के बावजूद इन राज्यों का देश में काफी बड़ा योगदान है। इस क्षेत्र के लोगों ने आजादी की लड़ाई में सक्रिय हिस्सेदारी की थी।
दिल्ली में पूर्वोत्तर का नृत्य-संगीत

यहां के राजनेताओं ने भी राष्ट्रीय जीवन को बेहद समृद्ध किया है। गीत, संगीत और नृत्य यहां के लोगों के रोजाना के जीवन का अभिन्न अंग हैं। इस क्षेत्र की अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। राष्ट्रपति शनिवार को दिल्ली में ‘पूर्वोत्तर के गीत एवं नृत्य उत्सव’ का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस उत्सव का आयोजन मेघालय सरकार ने किया है और इस सांस्कृतिक उत्सव की प्रायोजक पूर्वोत्तर परिषद है।

राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्वोत्तर में होने वाले आर्थिक विकास का फायदा सिर्फ उस क्षेत्र के लोगों को ही नहीं मिलेगा बल्कि पूरे देश को इसका फायदा होगा। अपनी भौगोलिक स्थिति और समृद्ध संसाधनों के कारण भारत के पूर्वी पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध बनाने में भी यह क्षेत्र खास है। मुखर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने दस आसियान देशों के साथ करीबी संबंध बनाने के लिए जो एक्ट ईस्ट नीति बनाई है उसे पूरा करने में हमारे पूर्वोत्तर क्षेत्र की अहम भूमिका है।

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