सौंदर्य की भारतीय परिभाषा में
लगभग प्रमुखता से समाया हुआ है गोरा रंग
देवताओं से लेकर देसी रजवाड़ों के राजकुमारों तक
सदियों से मोहित होते रहे इस शफ्फाक रंग पर
कुछ तो इतने आसक्त हुए
कि राजपाठ तक दांव पर लगा डाला
अपने इस रंग को बचाने के लिए
बादाम के तेल से लेकर
गधी के दूध तक से नहाती रहीं सुंदरियां
हल्दी, चंदन और मुल्तानी मिट्टी को घिस-घिस कर
अपनी त्वचा का रंग बदलने को आतुर रहीं
हर उम्र की स्त्रियां
कथित असुंदरता के खिलाफ अदद जंग जीतने के लिए
जंग जीतने के लिए राजाओं ने ऐसी ही स्त्रियों को
अपना अस्त्र बना डाला
साधन संपन्न पुरूष अक्सर सफल हुए गोरी चमड़ी को भोगने में
कुछ पुरूष अंधे हो गए इस गोरेपन से
कुछ हो गए हमेशा के लिए नपुंसक
और कुछ ने तो इसकी दलाली से पा लिया जीवन भर का राजपाठ
गोरे रंग के सहारे कामयाबी की कई दास्तानें लिखी गईं
पूरी दुनिया में अक्समर मिलते रहे ऐसे उदाहरण
जब चरित्र पर गोरा रंग भारी पड़ता रहा
दरअसल गोरेपन को पाकीजगी मान लेना
हर समय में दूसरे रंगों के साथ अत्याचार साबित हुआ
इसी गोरेपन से
किसी लंपट के प्रेम में पडक़र
असमय इस दुनिया से विदा हो गई कई लड़कियां
उजली और रेशमी काया से उत्पन्न
उत्तेजना के एवज में
अक्सर मर्सिया दबे हुए रंगों को पढऩा पड़ा
आखिर गोरा रंग हमेशा फकत रंग ही तो नहीं रहा।
2. उनकी भाषा
वे एक ऐसी भाषा का उपयोग करते हैं
कि हम अक्सर
असमर्थ हो जाते हैं
उनकी नीयत का पता लगाने में
हम भरोसे में रहते हैं
और भरोसा धीरे-धीरे भ्रम में बदलता जाता है
जब छंटता है दिमाग से कोहरा
नींद छूटती है सपनों के आगोश से
आंखें जलने लगती हैं सामने की तस्वीर देखकर
लेकिन हमारी मुट्ठियां तनें
और उबाल आए बरसों से जमे हुए लहू में
उससे पहले
आते हैं हम में से ही कुछ
बन कर उनके बिचौलिए
डालते हैं खौफनाक तस्वीरों पर परदा
और लगा देते हैं हमारे गुस्से में सेंध
अपने लाभ और लोभ में घूमते हुए
हम भटकते रहते हैं इधर से उधर
और कायरों की तरह
अपनी भाषा की तमीज में
लौट आते हैं...
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    