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देवेंद्र काशिव

छंदकोत्सव की अनूठी छटा

छंदकोत्सव की अनूठी छटा

सांस्कृतिक चेतना के लिए प्रयास जरूरी हैं। नई पीढ़ी जब कला-संस्कृति को करीब से देखेगी तभी उससे प्रेम करना सीखेगी। मध्यप्रदेश के धार में ऐसे ही छंदकोत्सव में न सिर्फ नई पीढ़ी ने हिस्सा लिया बल्कि सीमाएं तोड़ कर एक विदेशी ने ओडिसी की शानदार प्रस्तुति दी।
छाप तिलक की अनूगूंज स्मृतियों में समाहित है

छाप तिलक की अनूगूंज स्मृतियों में समाहित है

अमर प्रेम के प्रतीक स्मृतियों की प्रतिध्वनी ऐतिहासिक महलों से निकलकर जब मंच से गूंजती है, तो वह अपने दीर्घ अनुभवों के प्रकाट्य स्वर बनकर आयोजन की सार्थकता को सिद्ध करती हैं।
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