‘आरएसएस को सोचना चाहिए कि कोहिनूर राष्ट्रप्रेम की अहम निशानी है ’
कोहिनूर हीरे पर विवाद तो पुराना है लेकिन इसपर खुलेआम बहस मेरी वजह से ही शुरू हुई। मैं उस वक्त ब्रिटेन में राजनयिक था। मुझे लगा कि कोहिनूर हमारा है और हमें वापिस मिलना चाहिए। इसे लेकर मैंने ब्रिटेन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। चारों ओर शोर मच गया। बात यहां तक बढ़ गई कि ब्रिटिश सरकार को जायजा लेना पड़ गया। ब्रिटेन के फॉरेन ऑफिस के अधिकारी मुझसे मिले और कहने लगे कि छोड़ दीजिए बात पुरानी हो गई है। मैंने कहा कि यूनेस्को ने बोल दिया है कि जो भी चीजें उपनिवेशों से ली गई हैं उन्हें लौटाई जाएं। ग्रीस में ऐसा हो भी रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि महाराजा दिलीप सिंह ने लॉर्ड डलहौजी को कोहिनूर भेंट किया था।