अभिनेता विनीत कुमार सिंह के अभिनय से सजी फिल्म "सिया" आज से सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है । फिल्म का निर्देशन मनीष मुंद्रा ने किया है। दृश्यम फिल्म्स ने फिल्म का निमार्ण किया है। फिल्म में मुख्य भूमिका विनीत कुमार सिंह और पूजा पाण्डेय ने निभाई है।
सिया की कहानी महिला के बलात्कार, यौन उत्पीड़न की कहानी है। बलात्कार जैसे मुद्दे पर कई हिंदी फिल्में बन चुकी हैं। सिया बलात्कार के सामाजिक पक्ष को उजागर करती है। किस तरह से बलात्कार के बाद लड़की के परिवार को न्याय पाने से रोका जाता है, उन पर दबाव बनाया जाता है और उनकी जिन्दगी तबाह करने की कोशिश की जाती है, इस सब पर तीखी टिप्पणी है फिल्म "सिया"।
आउटलुक से बात करते हुए फिल्म के निर्देशक मनीष मुंद्रा ने कहा "देश में पिछले कुछ वर्षों में बलात्कार की ऐसी कई वीभत्स घटनाएं हुईं, जिनके विषय में जानकर हृदय में पीड़ा उठी और यह ख्याल आया कि इस मुद्दे पर फिल्म बनानी चाहिए। यूं तो कई बार रेप पर फिल्में बनी हैं मगर मेरी कोशिश थी कि मैं अपनी फिल्म में रेप विक्टिम और उसके परिवार के उस संघर्ष को दिखाऊं, जिसका उन्हें तब सामना करना पड़ता है, जब वे डरने, चुप रहने की बजाय न्याय के लिए लड़ाई लड़ने का फैसला करते हैं। उन्हें कितनी मुश्किलें आती हैं, क्या कीमत चुकानी पड़ती है? इसी विचार के साथ मैंने अपनी टीम के साथ देश में पूर्व में घटित हुई रेप की छह घटनाओं का बारीकी से अध्ययन किया और उनका निचोड़ फिल्म सिया के रूप में दर्शकों के सामने है।"
फिल्म के संदेश के बारे में जानकारी देते हुए मनीष मुंद्रा ने कहा "मेरी फिल्म का मुख्य संदेश यह है कि अपराध पर तब तक नियंत्रण पाना संभव नहीं है, जब तक हम समाज के रूप में एकजुट नहीं होते। जब तक हम अपने दायित्व से मुंह छिपाते रहेंगे, बलात्कार की क्रूर घटनाएं होती रहेंगी। मेरी फिल्म की कहानी में ऐसे कई अवसर नजर आते हैं, जब किसी पुलिस अधिकारी, किसी डॉक्टर की जागरूकता या पहल से बलात्कार की घटना पर रोक लगाई जा सकती थी। लेकिन किसी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं किया और इसलिए एक जघन्य कृत्य को शह मिल गई। वे भले प्रत्यक्ष रूप से स्वयं आपराधिक कृत्य में शामिल नहीं थे लेकिन वे भी पार्टनर-इन-क्राइम बन गए।"
न्यूटन, मसान, आंखों देखी, रामप्रसाद की तेरहवीं जैसी फिल्मों का निर्माण करने वाले मनीष मुंद्रा की बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है। चूंकि फिल्म बलात्कार जैसे संवेदनशील विषय पर है तो यह उम्मीद लगाई जा सकती है कि फिल्म दर्शकों को भावुक करने और सोचने विचारने के लिए मजबूर करेगी।